(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लाल किताब को लेकर राहुल गांधी पर किए जुबानी हमले के बाद गुरुवार को कांग्रेस ने भी उन पर पलटवार किया है। फडणवीस पर वार करते हुए कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने उन्हें हताश बताते हुए कहा कि वे उस किताब पर आपत्ति जता रहे हैं जिसके मुख्य शिल्पकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘फडणवीस हताश हो रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर तथाकथित ‘‘शहरी नक्सलियों” से समर्थन लेने के लिए ‘‘लाल किताब” दिखाने का आरोप लगाया। फडणवीस जिस पुस्तक को लेकर आपत्ति जता रहे हैं वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर थे।”
इससे पहले फडणवीस ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हाथ में लाल किताब लेकर शहरी नक्सलियों और अराजक तत्वों का समर्थन प्राप्त करते की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी रैलियों में लाल रंग के कवर वाले संविधान के शॉर्ट वर्जन को प्रदर्शित करते रहे हैं। बुधवार को नागपुर में हुई रैली में भी राहुल गांधी ने संविधान की इस किताब को प्रदर्शित किया था।
देवेन्द्र फड़नवीस हताश हो रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर तथाकथित "शहरी नक्सलियों" से समर्थन लेने के लिए "लाल किताब" दिखाने का आरोप लगाया।
फड़नवीस जिस पुस्तक को लेकर आपत्ति जता रहे हैं वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर थे। यह भारत का वही संविधान… pic.twitter.com/1OIdJl2zah
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 7, 2024
राहुल गांधी की नागपुर रैली को लेकर बीजेपी ने यह भी दावा किया है कि लाल कवर वाली संविधान की यह किताब अंदर से बिल्कुल कोरी थी। इसे लेकर उसने एक वीडियो भी जारी किया है। इन आरोपों के बाद इस मुद्दे को लेकर विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने राहुल की इस रैली पर जमकर निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि कांग्रेस संविधान को नोटपैड की तरह इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, राहुल गांधी का बचाव करने के लिए जयराम रमेश ने बीजेपी पर पलटवार किया है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा, ”यह भारत का वही संविधान है जिसे ‘मनुस्मृति’ से प्रेरित न बताकर RSS ने नवंबर 1949 में हमला किया था, यह भारत का वही संविधान है जिसे प्रधानमंत्री मोदी बदलना चाहते हैं।” इस दौरान उन्होंने पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में संविधान की लाल रंग की प्रति वाली तस्वीरें भी साझा कीं।
उन्होंने फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जहां तक लाल किताब का सवाल है तो फडणवीस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत में कानून के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक के.के. वेणुगोपाल की प्रस्तावना है, जो 2017-2022 के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल थे। इससे पहले, प्रधानमंत्री और स्वयंभू चाणक्य को भी यह लाल किताब दी गयी है।” कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘‘जहां तक ”शहरी नक्सली” का सवाल है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी 2022 और 11 मार्च 2020 को संसद को बताया है कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है। इसलिए फडणवीस को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)