इंडिगो संकट
IndiGo Crisis: इंडिगो संकट के कारण हजारों यात्रियों को एयरपोर्ट पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि इंडिगो एयरलाइन ने भारतीय जनता पार्टी को भारी चंदा दिया है, और इसी कारण मोदी सरकार ने एविएशन सेक्टर में इंडिगो को एक ‘वर्चुअल मोनोपॉली’ (एकाधिकार) दे दी है, जिसका खामियाजा देश और नागरिक भुगत रहे हैं।
कांग्रेस सांसद और प्रवक्ता सशीकांत सेंथिल ने बताया कि चुनावी बॉन्ड के रिकॉर्ड के अनुसार, इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब ने करीब 36 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जबकि इसके प्रमोटर राहुल भाटिया ने लगभग 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। सेंथिल ने दावा किया कि इनमें से अधिकांश बॉन्ड भाजपा ने भुनाए। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस सेक्टर में कभी अच्छी प्रतिस्पर्धा थी, वह अब एक कमजोर ‘डुओपॉली’ (दो कंपनियों का दबदबा) बनकर रह गया है। क्या भाजपा से वित्तीय नजदीकी ने इस बिगड़ी हुई स्थिति को बनाए रखने में कोई भूमिका निभाई?
कांग्रेस ने शनिवार को हवाई यात्रा संकट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इंडिगो की सेवाओं में हो रही रुकावट आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह भाजपा सरकार द्वारा विमानन क्षेत्र में डुओपॉली (दो कंपनियों का दबदबा) बनाने के निरंतर प्रयास का परिणाम है। कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि 5 दिसंबर को इंडिगो की 1,000 से अधिक फ्लाइट्स रद्द होने के बाद 6 दिसंबर को सैकड़ों और फ्लाइट्स रद्द हो गईं, जिससे भारत की हवाई यात्रा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
सेंथिल ने कहा कि यह संकट कोई स्वाभाविक विफलता नहीं है, बल्कि यह भाजपा सरकार का पूर्वानुमानित परिणाम है, जो प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने, अपने पसंदीदा लोगों को पुरस्कृत करने और पूरे राष्ट्रीय उद्योग को एक छोटे से कॉर्पोरेट समूह के हिसाब से बदलने पर तुली हुई है। उन्होंने तर्क दिया कि एविएशन सुरक्षा सख्त नियमों और निरंतर निगरानी पर निर्भर करती है, लेकिन एक नीतिगत ढांचा जो विनियामक जांच को कमजोर करता है, ने इसे अस्थिर बना दिया है और मुट्ठी भर निजी खिलाड़ियों की पकड़ को मजबूत किया है।
सेंथिल ने कहा कि विमानन सुरक्षा के मामले में सरकार के रवैये ने उसकी लापरवाही की हदें उजागर कर दी हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने 8 जनवरी, 2024 को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम जारी किए थे, जो पायलटों की थकान को रोकने और फ्लाइट सेफ्टी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से थे। लेकिन 1 जुलाई को इन नियमों को आंशिक रूप से लागू किया गया और अब इन सुरक्षा नियमों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। सेंथिल ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और शर्मनाक बताया, क्योंकि पायलटों की थकान को रोकने के लिए बनाए गए नियमों को समाप्त कर, बीजेपी सरकार ने यात्रियों और कॉकपिट क्रू की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
सेंथिल ने कहा कि यह मोनोपॉली बनाने की प्रवृत्ति केवल विमानन क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ट्रेंड प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों में भी साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पॉलिसी, रेगुलेशन और पब्लिक एसेट्स का इस्तेमाल एविएशन, टेलीकॉम, पोर्ट्स और अन्य क्षेत्रों में एक खास ग्रुप को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है।
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कांग्रेस सांसद ने इंडिगो संकट को विवादित इलेक्टोरल बॉन्ड से जोड़ा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया था। सेंथिल ने कहा कि आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि इंटरग्लोब ग्रुप ने लगभग 36 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इसके प्रमोटर राहुल भाटिया ने लगभग 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जिनमें से अधिकांश भाजपा को गए।