प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद संसदीय कमेटी की एक रिपोर्ट चर्चा में है। जिसे मार्च में राज्यसभा में पेश किया गया था। इस रिपोर्ट में दुर्घटनाओं की जांच और एविएशन सिक्योरिटी से जुड़ी फंडिंग को लेकर सवाल उठाए गए थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत का एविएशन मार्केट दुनिया में तीसरे स्थान पर है, ऐसी स्थिति में भी एविएशन सिक्योरिटी और दुर्घटनाओं की जांच के लिए जो बजट दिया गया, वो जरूरत से 35 करोड़ कम था।
‘डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी’ (DRSC) ने इस रिपोर्ट को तैयार किया था। पर्यटन, परिवहन और संस्कृति से जुड़े मामलों पर आधारित इस रिपोर्ट को राज्यसभा में 25 मार्च 2025 को पेश किया गया था। इसमें डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AIB) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) को मिलने वाले बजट पर सवाल उठाया गया था।
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए डीजीसीए को 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। जबकि एएआईबी और बीसीएएस को क्रमशः केवल 20 करोड़ रुपये और 15 करोड़ रुपये मिले।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में हवाई अड्डों और हवाई यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ी है। जबकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 2025-26 की एक रिपोर्ट के अनुसार, डीजीसीए में 53 प्रतिशत और बीसीएएस में 35 प्रतिशत पद खाली हैं। इसको देखते हुए एएआईबी और बीसीएएस को और अधिक पैसे आवंटित किए जाने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि डीजीसीए को सबसे अधिक राशि आवंटित हुई, कुल बजट का लगभग आधा। कमेटी ने इस बजट की जरूरत और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच की मांग की। डीजीसीए को विनियामक निरीक्षण का काम सौंपा गया है। इसके तहत एविएशन इंडस्ट्री में नियमों और सुरक्षा मानकों की जांच की जाती है। डीजीसीए ये सुनिश्चित करता है कि एयरलाइन सुरक्षा मानकों का पालन करें।
कमेटी ने कहा कि विनियामक निरीक्षण जरूरी है। लेकिन बुनियादी ढांचों के विस्तार के अनुपात से उन संसाधनों को बढ़ाना भी जरूरी है जो सिक्योरिटी और दुर्घटनाओं की जांच में काम आते हैं।
उन्होंने बताया कि 2014 से 2022 तक हवाई अड्डों की संख्या को 74 से बढ़ाकर 146 करने का लक्ष्य था। 2024-2025 तक 220 हवाई अड्डों का लक्ष्य है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ये आकलन करना जरूरी है कि क्या ये धनराशि सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है।
अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया की एआई 171 फ्लाइट की जांच एएआईबी कर रही है। इस हादसे में प्लेन में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई। खबर ये भी है कि इस फ्लाइट के ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने के लिए अमेरिका भेजा सकता है। क्योंकि एएआईबी के लैब में इसके लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
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फिलहाल नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि अभी ये फैसला नहीं लिया गया है। एएआईबी ही ये निर्णय लेगी कि ब्लैक बॉक्स को कहां डिकोड किया जाएगा।