नेपाल में सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार का भारत ने किया स्वागत (फोटो- सोशल मीडिया)
India support Nepal Interim Government: नेपाल में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनी नई अंतरिम सरकार का भारत ने स्वागत किया है। भारत ने उम्मीद जताई है कि इस कदम से पड़ोसी देश में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। सुशीला कार्की को शुक्रवार देर रात नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई, जो देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह राजनीतिक बदलाव केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद हुआ है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, “हम सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।” भारत ने अपनी ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को दोहराते हुए कहा कि एक करीबी पड़ोसी, एक लोकतांत्रिक देश और एक दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में, भारत नेपाल के लोगों की भलाई और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना जारी रखेगा।
नेपाल में यह सरकार परिवर्तन उस बड़े आंदोलन के बाद हुआ है, जिसका नेतृत्व “हामी नेपाल” नामक एनजीओ और देश के Gen-Z युवाओं ने किया। सोशल मीडिया पर विवादास्पद प्रतिबंध के विरोध में शुरू हुए ये प्रदर्शन जल्द ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन में बदल गए, जिसके दबाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। आंदोलनकारी युवाओं ने सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने से पहले उनके सामने तीन प्रमुख शर्तें रखी थीं, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
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आंदोलनकारी युवाओं की पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त मौजूदा संघीय संसद को भंग करना थी, जिसे मान लिया गया है। दूसरी शर्त हालिया आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और प्रदर्शनकारियों की मौत की निष्पक्ष जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करना है। तीसरी शर्त के तहत, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित सभी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की संपत्ति की जांच के लिए भी एक न्यायिक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल द्वारा शपथ दिलाए जाने के बाद अब सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली सरकार पर 6 महीने के भीतर निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है।