भारत को मिलेगा पोर्टेबल न्यूक्लियर रिएक्टर, (सांकेतिक एआई फोटो)
SMR Benefits India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 23वां भारत-रूस शिखर सम्मेलन रणनीतिक साझेदारी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रहा। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि इस दौर में पुतिन की भारत यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि दोनों देशों के संबंध कई बड़े माइलस्टोन पार कर रहे हैं।
वहीं पुतिन ने भी भारत के साथ डिनर पर हुई गहन बातचीत को “स्पेशल और प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप” को मजबूत करने वाला बताया।
इस बैठक की सबसे बड़ी घोषणा थी रूस की ओर से भारत को Small Modular Reactor (SMR) तकनीक उपलब्ध कराने की पेशकश। पुतिन ने कहा कि रूस भारत को छोटी, पोर्टेबल और हाई-टेक न्यूक्लियर सिस्टम प्रदान करने के लिए तैयार है। लेकिन SMR आखिर है क्या और इसे भारत की ऊर्जा क्रांति की कुंजी क्यों माना जा रहा है?
SMR यानी Small Modular Reactor आधुनिक, कॉम्पैक्ट और अत्यंत सुरक्षित न्यूक्लियर रिएक्टर होते हैं। ये पारंपरिक न्यूक्लियर प्लांट की तुलना में आकार और क्षमता में लगभग एक-तिहाई होते हैं, लेकिन इन्हें तैयार करना तेज़, लगाना आसान और चलाना अधिक सुरक्षित माना जाता है।
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि रूस और भारत मिलकर देश का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रहे हैं, जो तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट है। यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि एशिया के सबसे बड़े परमाणु प्रोजेक्ट्स में शामिल है। यहाँ कुल 6 न्यूक्लियर रिएक्टर बनाए जा रहे हैं और हर रिएक्टर 1000 मेगावॉट की क्षमता रखता है।
पूरा प्रोजेक्ट चालू होने के बाद यहां से 6000 मेगावॉट (6 गीगावॉट) बिजली उत्पादन होगा। पुतिन के अनुसार, छह में से तीन रिएक्टर पहले ही भारत की ग्रिड से जुड़ चुके हैं, जबकि यूनिट 4, 5 और 6 निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं।
परमाणु तकनीक के क्षेत्र में रूस को शीर्ष देशों में माना जाता है। रूस ने दुनिया का पहला फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर स्टेशन ‘Akademik Lomonosov’ बनाया, जो 2020 से बिजली और हीटिंग सप्लाई कर रहा है। यह प्लांट समुद्र में तैरता है और जरूरत के हिसाब से किसी भी तटवर्ती क्षेत्र को ऊर्जा दे सकता है।
भारत छोटे मॉड्युलर रिएक्टर (SMR) को खास तौर पर इन क्षेत्रों में लगाने का विचार कर रहा है:
रूस की कंपनी Rosatom ने भारत को फ़्लोटिंग SMR प्लांट का मॉडल भी दिखाया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर समुद्र के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें:- रूसियों को पीएम मोदी की बड़ी सौगात, 30 दिनों तक ई टूरिस्ट वीजा होगा अब बिल्कुल मुफ्त
भारत में बिजली की मांग लगातार तेजी से बढ़ रही है और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन मौसम पर निर्भर होने के कारण स्थिर नहीं रहता। ऐसे में SMR तकनीक: