शहबाज शरीफ, फोटो - सोशल मीडिया
नवभारत डिजिटल डेस्क : भारत के साथ अपने तनाव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में लाने की पाकिस्तान की कोशिश उल्टी पड़ गई है। दरअसल, UNSC के सदस्यों ने आतंकवाद और परमाणु हमले की धमकियों के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई है।
इसके साथ ही यूएनएससी ने भारत की ओर से हमले की आशंका के खिलाफ कोई भी बयान जारी करने से इनकार कर दिया है। यूएनएससी का अस्थायी सदस्य होने के बावजूद पाकिस्तान को इस बैठक के लिए यूएनएससी हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने यह बैठक बुलाई थी। भारत की ओर से जवाबी हमले के डर से पाकिस्तान ने यूएनएससी से बैठक बुलाने की अपील की थी। उसने दावा किया था कि भारत कभी भी हमला कर सकता है और आगे की स्थिति को बढ़ने से रोकने के लिए वैश्विक हस्तक्षेप की मांग की थी। पाकिस्तान कूटनीतिक सफलता की उम्मीद में भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहता था। हालांकि, चर्चा के दौरान यूएनएससी के सदस्यों ने पाकिस्तान के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।
UNSC के बैठक के दौरान मौजूद सदस्यों ने पाकिस्तान से तीन अहम सवाल पूछ लिए, जिससे पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई। पहला सवाल उन्होंने पूछा कि आतंकी धर्म के आधार पर लोगों को क्यों निशाना बना रहे हैं। वहीं दूसरा सवाल था कि पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा की क्या भूमिका है? और अगर वह शामिल था, तो क्या कार्रवाई की गई? वहीं पाकिस्तान से आखिरी सवाल पूछा गया कि पाकिस्तानी अधिकारी अक्सर परमाणु हमलों का जिक्र क्यों करते हैं और क्या इस बयानबाजी से तनाव बढ़ रहा है?
इस बैठक में यहां ध्यान देने वाली बात यह रही कि समर्थन के बजाय पाकिस्तान को फटकार मिली सूत्रों ने बताया कि इन सवालों का सीधा जवाब न दे पाने के कारण पाकिस्तान बुरी तरह घिर गया। आपको बता दें कि यह बैठक इस सुझाव के साथ समाप्त हुई कि पाकिस्तान इन मुद्दों को बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से सुलझा सकता है।
यूएनएससी की इस बैठक के जरिए पाकिस्तान ने जहां भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा, वहीं उसे समर्थन तो नहीं मिल पाया, पर इसके बदले उलटे उसे अपनी हरकतों और बयानबाजी पर जांच का सामना करना पड़ा। यूएनएससी की बैठक में जो कुछ हुआ, इससे तो यही पता चलता है कि पाकिस्तान को इस मामले में दुनिया से नाममात्र का भी समर्थन नहीं मिलने वाला है।