मौलाना मदनी के जिहाद वाले बयान पर देश भर में उबाल (फोटो- सोशल मीडिया)
Maulana Madani Jihad Statement Controversy: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के जिहाद वाले बयान ने सियासी और सामाजिक पारा चढ़ा दिया है। भोपाल में दिए गए उनके आक्रामक भाषण के बाद अब उन्होंने सफाई पेश की है, लेकिन विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मदनी ने कहा कि अगर वह अपनी कौम का दर्द नहीं बताएंगे तो यह नाइंसाफी होगी। उधर, उनके इस बयान को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने मोर्चा खोल दिया है और आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
मदनी ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में साफ किया कि उन पर सुप्रीम कोर्ट को गलत बताने का आरोप बेबुनियाद है। उनका कहना है कि वह एक खास समुदाय से जुड़े संगठन के जिम्मेदार हैं और अपनी कम्युनिटी की भावनाओं को देश के सामने रखना उनका फर्ज है। उन्होंने कहा कि देश के हालात ऐसे हैं जहां उन्हें लगता है कि उन्हें किनारे किया जा रहा है। मदनी ने यह भी कहा कि वह खतरे की घंटी बजाना चाहते हैं ताकि 60 फीसदी खामोश आबादी को अपने साथ ले सकें।
#WATCH | Delhi: On his remarks on Jihad, Jamiat Ulama-i-Hind president Maulana Mahmood Madani, in an interview to ANI, says, “You are accusing me of saying that the Supreme Court is wrong… I am not an individual; I belong to an organisation that belongs to a particular… pic.twitter.com/BZT3uCkjNO — ANI (@ANI) December 2, 2025
मौलाना मदनी ने अपने बयान में कहा कि जिहाद का मतलब किसी हिंसा से नहीं है। उन्होंने लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे शब्दों को एक पवित्र शब्द को बदनाम करने की साजिश बताया। उनका कहना था कि जहां जुल्म होगा, वहां जिहाद होगा, लेकिन भारत में संविधान सबसे ऊपर है। हालांकि, बीते रोज उनके तेवर काफी तल्ख थे और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए थे। अब वह कह रहे हैं कि उनका मकसद सिर्फ लोगों को जिहाद का सही मतलब समझाना था और वह हिंसा के खिलाफ हैं।
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मदनी की सफाई के बावजूद भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर बजरंग दल ने जमकर प्रदर्शन किया और मदनी का पुतला फूंका। विश्व हिंदू परिषद ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की ठान ली है। विहिप के मीडिया प्रभारी जितेंद्र चौहान और केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि मदनी के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मदरसों से लेकर कॉलेजों तक पढ़े-लिखे लोग गुमराह हो रहे हैं। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस कमिश्नर और सरकार ने केस दर्ज नहीं किया तो देश भर में उग्र आंदोलन किया जाएगा।