मौलाना मदनी के बयान पर मचा घमासान (फोटो- सोशल मीडिया)
Maulana Arshad Madani Statement Controversy: दिल्ली बम धमाकों और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के हालिया बयान के बीच एक नई और तीखी बहस छिड़ गई है। मध्यप्रदेश के चर्चित आईएएस अफसर नियाज खान ने मदनी के दावे पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। नियाज खान ने सीधे तौर पर कहा है कि कट्टरता और अंधविश्वास ने ही समुदाय के एक बड़े हिस्से को पीछे धकेला है, जबकि शिक्षा ही तरक्की और सम्मान पाने का एकमात्र रास्ता है। उनके इस बेबाक बयान ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है।
रविवार की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए अपने पोस्ट में आईएएस अधिकारी ने लिखा कि शिक्षा मुस्लिमों के लिए किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो मुस्लिम अच्छी तालीम हासिल करते हैं, वे दुनिया के बड़े शहरों में गवर्नर और मेयर बनते हैं। इसके विपरीत, जो लोग कट्टरता के रास्ते पर चलते हैं, वे केवल पंचर बनाने वाले मैकेनिक बनकर रह जाते हैं या फिर महिलाओं पर अन्याय करने वाले बनते हैं। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने समझाया कि शिक्षित मुसलमान समाज में मिसाल बनते हैं, जबकि कट्टर विचारों में उलझने वाले अपनी ही प्रगति रोक लेते हैं।
जिस मुस्लिम ने शिक्षा प्राप्त की वह लंदन, न्यूयॉर्क का मेयर बना तो अमेरिका में गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर बना। जिस मुस्लिम ने कट्टरता और अंधविश्वास की शिक्षा ली वो मैकेनिक, महिलाओं पर अन्याय करने वालाऔर पंक्चर बनाने वाला बना। शिक्षा मुस्लिमों के लिए रामबाण औषधि है, समझें इसे। — NIYAZ KHAN (@saifasa) November 23, 2025
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि लंदन या न्यूयॉर्क में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, लेकिन भारत में कोई मुसलमान विश्वविद्यालय का कुलपति तक नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई बनता भी है तो उसे आजम खान की तरह जेल भेज दिया जाता है। इस पर आईएएस नियाज खान ने पूरी असहमति जताई। उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे दिग्गजों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय मुसलमानों ने अपनी मेहनत और शिक्षा के दम पर दुनिया में नाम कमाया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत में शिक्षा और मेहनत के आगे कोई भी बाधा नहीं है।
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नियाज खान ने अपने पोस्ट में बहुत ही स्पष्ट शब्दों में लिखा कि जिस मुस्लिम ने शिक्षा प्राप्त की वह लंदन, न्यूयॉर्क का मेयर बना तो अमेरिका में गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर बना। वहीं जिस मुस्लिम ने कट्टरता और अंधविश्वास की शिक्षा ली वो मैकेनिक, महिलाओं पर अन्याय करने वाला और पंक्चर बनाने वाला बना। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को यह समझना होगा कि शिक्षा ही असली ताकत है। मदनी ने जहां यह दावा किया था कि सरकार मुसलमानों को सिर उठाकर खड़ा नहीं होने देना चाहती, वहीं आईएएस अधिकारी ने यह साबित करने की कोशिश की कि कट्टरता नहीं, बल्कि ज्ञान ही समाज को आगे ले जा सकता है।