जानें Exit Poll और ओपिनियन पोल में अंतर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर आज यानि 8 फरवरी को मतदान पूरा हो गया। बता दें कि मतदान संपन्न होने के बाद, विभिन्न एजेंसियां अपने एग्जिट पोल के आंकड़े जारी करती हैं। वहीं, चुनाव से पहले ओपिनियन पोल सामने आए थे, लेकिन अब वोटिंग के बाद के संभावित नतीजों का अनुमान पेश होना शुरू हो जाएगा।
आइए अब जानते हैं कि आखिर कैसे ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल को तैयार किया जाता है।
दरअसल, ओपिनियन पोल चुनाव से पहले किए जाते हैं, जिनमें मतदाताओं की राय ली जाती है कि वे किसे वोट देने की योजना बना रहे हैं, जिससे यह समझने की कोशिश की जाती है कि जनता किस दल या नेता को पसंद कर रही है और उनके लिए कौन-से मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। यह चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले जारी किया जाता है और इसमें किसी भी व्यक्ति को शामिल किया जा सकता है, चाहे वह मतदाता हो या नहीं। हालांकि, चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इस पर रोक लगा दी जाती है।
वहीं, एग्ज़िट पोल मतदान के दिन किया जाता है, इसमें केवल उन मतदाताओं को शामिल किया जाता है जो अपना वोट डालकर मतदान केंद्र से बाहर निकल रहे होते हैं।
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चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, एग्ज़िट पोल को मतदान समाप्त होने से पहले प्रकाशित या प्रसारित नहीं किया जा सकता। इसके तहत किसी भी मीडिया संस्थान को चुनाव के दौरान एग्ज़िट पोल के नतीजे दिखाने या प्रसारित करने की अनुमति नहीं होती, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे और मतदाताओं पर किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े।
बता दें कि एग्जिट पोल के लिए चुनावों के दौरान, पोलिंग बूथ पर मतदाताओं से जानकारी जुटाने के लिए एक प्रक्रिया अपनाई जाती है। आमतौर पर हर 10वें वोटर से सवाल किए जाते हैं, लेकिन यदि बूथ बड़ा हो तो हर 20वें मतदाता का साक्षात्कार लिया जाता है। इन मतदाताओं से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया जाता है, ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि चुनाव के नतीजे किस दिशा में जा सकते हैं, कौन जीत सकता है और किसे हार का सामना करना पड़ सकता है।
1. एग्जिट पोल तैयार करने के लिए पांच चरणों से गुजरना होता है। पहला चरण सैम्प्लिंग का होता है, जिसमें सर्वे एजेंसियां उन पोलिंग स्टेशनों का चयन करती हैं जहां से मतदाताओं की राय ली जाएगी।
2. दूसरे चरण में सवाल जवाब तैयार किया जाता है। इसमें तय किया जाता है कि मतदाताओं से कौन-कौन से सवाल पूछे जाएंगे, जैसे उनकी उम्र, जेंडर, उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया और उनके फैसले को किसने प्रभावित किया।
3. तीसरा चरण डेटा संग्रहण का होता है, जिसमें मतदाताओं से मिली जानकारी को एकत्र किया जाता है।
4. चौथे चरण में डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि किस पोलिंग बूथ या क्षेत्र में किस पार्टी की जीत संभावित है।
5. पांचवें चरण में इसमें मौजूद एरर को दूर कर इसे प्रकाशित करना होता है। आमतौर पर एग्जिट पोल तैयार करने वाली एजेंसियां इन्हें मीडिया संस्थानों के माध्यम से सार्वजनिक करती हैं। कुछ मीडिया हाउस अपने स्वतंत्र एग्जिट पोल भी तैयार करते हैं, जिन्हें मतदान समाप्त होने के बाद जारी किया जाता है ताकि इसका प्रभाव वोटिंग प्रक्रिया पर न पड़े।