Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • India vs West Indies |
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Sonam Wangchuck |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

आने वाले दिनों में खत्म होगा सभी परिवारवादी पार्टियों का भविष्य, पार्टी के बगावती नेता होंगे मजबूत..!

  • By विजय कुमार तिवारी
Updated On: Feb 08, 2024 | 02:02 PM

कांसेप्ट फोटो (सौं. सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नई दिल्ली : पिछले कुछ वर्षों में देखा जा रहा है कि देश के तमाम राज्यों में परिवार आधारित पार्टियों में परिवार और अन्य बड़े नेताओं की दखलंदाजी से कई दलों को अपना मूल अस्तित्व बचाए रखने की चुनौती मिल रही है। महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक फैली ऐसी तमाम पार्टियों में फिलहाल इसी तरह के संकट दिखाई दे रहे हैं। संस्थापक नेताओं के मुकाबले दूसरे की पीढ़ी के नेताओं का करिश्मा कमजोर होने से पार्टी के अंदर के नेता बगावत करके आगे निकल रहे हैं और खुद को असली नेता बताते हुए पार्टी का अधिकार क्षेत्र अपने हाथों में लेने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पंजाब, हरियाणा जैसे तमाम राज्य इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं। 

 देश में परिवार आधारित पार्टियों पर एक नया सियासी संकट दिखाई देने लगा है। इनमें से कई दलों के सामने अब अपने वजूद को बचाए रखने की भी चुनौती है। क्योंकि ऐसे दलों में विभाजन के बाद सभी खेमे के द्वारा असली होने के दावा किया जाता रहता है। 

कांसेप्ट फोटो (सौं. सोशल मीडिया)

महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में जिस तरह से फूट पड़ी है और शरद पवार के खिलाफ बगावत करने वाले उनके भतीजे अजित पवार को जिस तरह से निर्वाचन आयोग ने असली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी मना है, उससे कई राजनीतिक दलों को एक संदेश मिलने लगा है कि अगर दूसरी पीढ़ी के नेताओं का करिश्मा और पार्टी में पकड़ कमजोर होगी तो दल अपना वजूद खो सकते हैं और पार्टी भी उनके हाथ से निकल सकती है।

 आपको याद होगा कि रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद लोक जनशक्ति पार्टी भी दो धड़ों में बढ़ चुकी है। कुछ ऐसी ही स्थिति  का सामना झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा कर रही है, जिसमें हेमंत सोरेन को जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर परिवार के अंदर ही आपसी मतभेद दिखाई देने लगा है, जिसके कारण परिवार के बाहर के नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपनी पड़ी है। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब के कई सियासी परिवारों के सामने भी इसी तरह की चुनौती दिखाई दे रही है।

कांसेप्ट फोटो (सौं. सोशल मीडिया)

 आपको अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की लड़ाई याद होगी जबकि आपसी तालमेल के बाद दोनों नेता फिलहाल पार्टी में एक दूसरे के साथ चलने के लिए राजी हो गए हैं, इसलिए कुछ समय के लिए पारिवारिक संकट खत्म हो गया है, लेकिन महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में चल रही वर्चस्व की लड़ाई में परिवारवाद का एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। ऐसा नहीं है की एनसीपी में यह बगावत पहली बार हुयी है। इससे पहले भी पार्टी के कई नेता अलग हुए हैं, पर परिवार के अंदर चल रही वर्चस्व उसकी लड़ाई अब एनसीपी पर भारी पड़ रही है। हालांकि पार्टी के सुप्रीमो रहे शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले कहती हैं कि कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और एक बार फिर से वह पार्टी का निर्माण करेंगे, लेकिन ताजा हालात से यह करना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है।

 परिवार आधारित ऐसी पार्टियों पर इस तरह के संकट आने को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि देश में जितनी भी छोटी पार्टियों का उदय हुआ वह नेता के अंदर मौजूद करिश्मा से हुआ है। नया दल नेता के करिश्मे से ही आगे बढ़ता है और अपनी सत्ता हासिल करता है। जैसे-जैसे उनके कामकाज का तरीका ढीला होता जाता है और चेहरे का करिश्मा खत्म होता है, वैसे-वैसे पार्टियों का अस्तित्व भी खत्म होने लगते हैं।

 एक राजनीतिक विश्लेषक में कहा कि आपको याद होगा कि राज्यों में कई राजनीतिक पार्टियां संस्थापक के करिश्मा वाले व्यक्तित्व से अस्तित्व में आयीं, जिसमें चौधरी देवीलाल, लालू प्रसाद यादव, शरद पवार, बाला साहब ठाकरे, प्रकाश सिंह बादल, शीबू सोरेन, मुलायम सिंह यादव तथा अरविंद केजरीवाल जैसे अन्य नेताओं के नाम गिखाए जा सकते हैं, लेकिन जब उनके दल में उनके बाद दूसरी पीढ़ी के नेता उसे तरह का करिश्मा दोहराने में असफल रहे तो पार्टी के अंदर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो जाती है।

 एक तरफ परिवारवाद का माहौल पनपने लगता है, जिससे उनके बेटे-बेटी या अन्य करीबी रिश्तेदार पार्टी के शीर्ष पर होते हैं, वहीं पार्टी के अन्य कद्दावर नेता भी उनकी कार्यशैली व राजनीतिक कुशलता पर सवाल उठाकर उनके खिलाफ बिगुल फूंकते हुए अपने हाथों में पार्टी की बागडोर लेना चाहते हैं।

 इसी तरह देखा जाए तो महाराष्ट्र में शिवसेना भी अंदरूनी बगावत से दो हिस्सों में बट चुकी है। बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी का भी इसी तरह झगड़ा हुआ। जनता दल यूनाइटेड में भी इस तरह की समस्या कई बार देखने को मिली। फिलहाल झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सामने इसी तरह का संकट दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव को भी पार्टी के लोगों से चुनौती देखने को मिली थी। वहीं पंजाब के बादल परिवार में भी आपसी खींचतान का मुद्दा दिखाई दिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में सुखबीर सिंह बादल अपनी परंपरागत सीट भी इसी के चलते हार चुके हैं।

Future of all dynastic parties in coming days

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Feb 08, 2024 | 02:00 PM

Topics:  

  • AAP
  • Akali Dal
  • BJP
  • Congress
  • NCP
  • Samajwadi Party

सम्बंधित ख़बरें

1

Acharya Pramod का राहुल गांधी पर हमला, कहा- ‘भारत के लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्य हैं विपक्ष के नेता’

2

‘राहुल गांधी के सीने में गोली मार दी जाएगी’, BJP नेता के बयान से मचा बवाल, कांग्रेस ने लिया एक्शन

3

संपादकीय: बिहार में BJP की राह में जातिवाद बाधक

4

बरेली में राजनीति नहीं! विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय नजरबंद, बोले- ‘सरकार अपनी कमियां छिपा रही’

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.