(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: जहां फिलहाल आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर एक बड़े विवाद का केंद्र बना हुआ है। वहीं अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबरों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और अपनी एक शंका के बारे में भी बताया है।
दरअसल अपने वाराणसी के दौरे का जिक्र करते हुए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “मैं काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन तो नहीं कर पाया, लेकिन मेरे कुछ सहयोगी मंदिर गए थे और उन्होंने मुझे प्रसाद दिया था। उस समय मुझे तिरुपति मंदिर की मिलावट की खबरें याद आ गईं। यह समस्या सिर्फ एक मंदिर तक सीमित नहीं हो सकती, यह हर मंदिर की कहानी हो सकती है। ”
इतना ही नही कोविंद ने मिलावट को “पाप” बताते हुए कहा, “मिलावट तो पाप है, और हिंदू शास्त्रों में भी इसे पाप ही कहा गया है। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद आस्था का प्रतीक है, और इसमें मिलावट करना निंदनीय है। ” बस फिर क्या था पूर्व राष्ट्रपति की इस बड़ी टिप्पणी के बाद प्रसाद में मिलावट को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
जानकारी दें कि तिरुमला पर्वत पर स्थित श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले TTD ने देश के सबसे अमीर मंदिर का प्रबंधन करने वाले बोर्ड ने बीते शुक्रवार को खुलासा किया था कि उसे गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे गए नमूनों में घटिया गुणवत्ता के घी और चर्बी की मिलावट का पता चला है। वहीं प्रसाद के लड्डू बनाने के लिए घटिया घी का इस्तेमाल हो रहा था, जिसमें जानवरों की चर्बी की मौजूदगी भी थी।
यहां पढ़ें – तिरूपति लड्डू विवाद पर अमूल ने दी सफाई, कहा- मंदिर को कभी नहीं किया घी सप्लाई
हालांकि मंदिर प्रशासन ने अब कहा है कि इस पवित्र प्रसाद की पवित्रता बहाल हो गयी है। इस बाबत श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (TTD) शुक्रवार रात को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि श्रीवारी लड्डू की पवित्रता अब बेदाग है। मंदिर बोर्ड ने इस बाबत एक पोस्ट में कहा, ‘‘श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता अब बेदाग है। TTD सभी भक्तों की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसादम की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।”