पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Satyapal Malik Death: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। तबीयत अधिक बिगड़ने के कारण उन्हें 11 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की जानकारी उनके आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट से साझा की गई।
पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहें।#satyapalmalik
— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) August 5, 2025
उन्होंने 7 जून को एक्स पर लिखा था, “नमस्कार साथियों, मैं करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की बीमारी से जूझ रहा हूं। मेरी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है और स्थिति बेहद नाज़ुक होती जा रही है।”
सत्यपाल मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल रहे। उन्हीं के कार्यकाल में 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाया गया था, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद सत्यपाल मलिक को गोवा का 18वां राज्यपाल बनाया गया। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में भी सेवाएं दीं। यह एक संयोग ही है कि आज, इस ऐतिहासिक फैसले की छठी वर्षगांठ पर ही, सत्यपाल मलिक का निधन हो गया।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने बताया कि जब मेरठ एकजुट था, तब दोनों ने साथ मिलकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वे लंबे समय तक चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाले लोकदल में एक साथ सक्रिय रहे। बाद में वीपी सिंह सरकार में भी दोनों सांसद बने। सत्यपाल के निधन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक सशक्त आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है।
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सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई, 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले स्थित हिसावदा गांव के एक जाट परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा मेरठ विश्वविद्यालय से पूरी की, जहां से उन्होंने विज्ञान विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में एलएलबी की डिग्री भी हासिल की। 1968-69 के दौरान वे मेरठ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए, जिसने उनके राजनीतिक जीवन की नींव रखी।