GN Saibaba | X
नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा साहब का 57 साल की उम्र में निधन हो गया है। बता दें कि उन्हें 2014 में माओवादियों से सम्बन्ध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इन पर आरोप लगाया गया था कि साईबाबा का लिंक नक्सलियों से है। ऐसे में ये बात कोई भी एजेंसी साबित नहीं कर पाई और अक्टूबर 2022 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने उन्हें बाइज़्ज़त बरी कर दिया था।
लेकिन सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए 24 घण्टे के अंदर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसले को पलट दिया। हालेंकि, पिछले 5 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बार फिर उन्हें बाइज़्ज़त बरी कर दिया था। इस बार फिर हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध सरकार ने अपील की थी, जो अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग पड़ी है।
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आपको जानकारी के लिए बता दें कि गिरफ्तारी से पहले जीएन साई बाबा रामलाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे। वह 90 प्रतिशत दिव्यांग थे, जिसके कारण व्हीलचेयर से चलते थे। गिरफ्तारी के बाद उन पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इनके साथ पांच अन्य लोगों को भी सजा सुनाई गई थी।
इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर साई बाबा आंध्र प्रदेश के एक गरीब परिवार में जन्में थे। 2003 में दिल्ली आने से पहले उनके पास व्हील चेयर खरीदने के भी पैसे नहीं थे। लेकिन, वह पढ़ाई में शुरू से ही काफी मेधावी रहे। एक कोचिंग क्लास में उनकी मुलाकात अपनी पत्नी वसंता से हुई थी। उसके बाद वे दोनों लव मैरिज कर लिए। साईं बाबा पर माओवादियों के लिए काम करने के भी आरोप लगे थे। लेकिन, वे हमेशा ही इस बात से इनकार करते रहे।
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