प्रतीकात्मक फोटो [स्रोत: सोशल मीडिया]
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में पहले शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा के चुनाव हुए और बिना किसी विवाद के चुनाव परिणाम भी आ गए। सूबे में उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई और नई सरकार शपथ लेकर अपने काम में भी जुट गई।
लेकिन जम्मू-कश्मीर की यह शांति आतंकी ताकतों को रास नहीं आई और एक बार फिर वे अपनी मांद से बाहर निकलकर सर उठाने लगे। आतंकियों ने अपनी मौजूदगी बताने के लिए हमले करना शुरू कर दिए और सुरक्षाबलों सहित आम नागरिको को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
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आतंकियों ने पिछले एक हफ्ते में पांच हमले किये है, जिनमे कई लोग घायल हुए है तो कुछ को अपनी जान गंवाना पड़ी हैं। इतना ही नहीं आतंकियों की गोलियों से हमारे देश के जवान भी शहीद हुए है। लगातार हुए आतंकी हमलो से कश्मीर इलाके में एक बार फिर दशहत का माहौल बनता दिखाई पड़ रहा हैं।
अबतक हुई आतंकी घटनाएं
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 16 अक्टूबर से लेकर अब तक यह 5वां हमला हुआ है। अबतक हुए आतंकी इन हमलों में हमारे 3 जवान शहीद हुए हैं और 8 गैर राज्य में बाहरी लोगों की मौत हुई है। आतंकी घटनाओं का ब्यौरा इस प्रकार है…
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16 अक्टूबर : कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया था।
20 अक्टूबर: आतंकियों ने गांदरबल के सोनमर्ग में हमला कर कश्मीर के डॉक्टर, MP के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान ले ली थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर के गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।
24 अक्टूबर: इलाके को टारगेट करने हुए दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने मजदूर पर गोलीबारी की। इस हमले में मजदूर घायल हो गया, जिसका अभी इलाज चल रहा है। मजदुर प्रीतम सिंह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
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24 अक्टूबर: बारामूला में सेना की गाड़ी पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी और इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन PAFF ने ली थी। यहां आतंकियो ने सुरक्षाबलो पर हमला किया और जंगलो की तरफ भाग गए, जिसके बाद सेना ने सर्च अभियान चलाया।
लोकल सपोर्ट का मुद्दा फिर गर्माया
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही आतंकी वारदातों के बाद एक बार फिर लोकल सपोर्ट का मुद्दा गर्मा गया है। ताज़ा मामले की बात करें तो 28 अक्टूबर को सेना की एम्बुलेंस पर हुई गोलीबारी के मामले में राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने कहा है कि आतंकवादी फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहे है। स्थानीय लोग भी कहीं न कहीं इसमें शामिल होंगे, तभी उन्हें रास्ते पता चलेंगे।
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अब पूर्व सीएम के इस बयान ने यह बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, कि आतंकवादी फिर से सिर उठाने लगे है और उन्हें लोकल सपोर्ट भी मिल रहा है। आंकड़ों की बात करें तो नई सरकार के गठन के बाद से ही आतंकी घटनाओं का होना भी शुरू हो गया है, ऐसा लग रहा था जैसे मानो देश विरोधी ताकतें और आतंकी राज्य में बस चुनाव होने का ही इंतज़ार कर रहे थे।