प्रतीकात्कम तस्वीर-ईडी
ED Raids: अवैध कफ सिरप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ यूनिट ने शुक्रवार को गोरखधंधे के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल से जुड़े उत्तर प्रदेश, गुजरात और झारखंड के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। पिछले दो महीनों में अवैध कफ सिरप के व्यापार को लेकर 30 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच प्रक्रिया शुरू की है।
ईडी की टीम ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, और जौनपुर, झारखंड के रांची और गुजरात के अहमदाबाद में कई ठिकानों पर छापे मारे। आशंका जताई जा रही है कि इन स्थानों पर अवैध कफ सिरप का भंडारण किया गया था, जिसे आसपास के शहरों और कस्बों में सप्लाई किया जाता था।
कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत की खबरों ने इस मामले को सुर्खियों में ला दिया है। इस गोरखधंधे में शुभम जायसवाल को मुख्य आरोपी माना जा रहा है, जिनके सहयोगी आलोक सिंह और अमित सिंह हैं। आलोक सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पिछले दो महीनों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे लखनऊ, वाराणसी, सोनभद्र, सहारनपुर और गाजियाबाद में कोडीन फॉर्मूले से बनी कफ सिरप का अवैध भंडारण और बिक्री की गई, जिससे हजारों करोड़ रुपये का अवैध व्यापार हुआ।
मामला उजागर होने के बाद मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल दुबई में जाकर छिप गया है। हालांकि, उसके पिता भोला प्रसाद समेत 32 लोग मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया है।
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वाराणसी में 100 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप कांड ने पुलिस और प्रशासन दोनों को हिलाकर रख दिया है। इस मामले का मुख्य आरोपी और कथित किंगपिन शुभम जायसवाल अब पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस को शक है कि वह भारत छोड़कर दुबई भाग चुका है। उसके वाराणसी स्थित घर पर ताला लटक रहा है और उसका मोबाइल व सोशल मीडिया खाते भी बंद कर दिए गए हैं। पुलिस के अनुसार, शुभम और उसके पिता भोला प्रसाद, जो शैली ट्रेडर्स चलाते थे, कार्रवाई से पहले ही फरार हो चुके थे।