बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (डिजाइन फोटो)
अहमदाबाद: अहमदाबाद में गुरुवार की सुबह का वह मंजर किसी बुरे सपने जैसा था। एयर इंडिया का विमान AI-171 लंदन के लिए उड़ान भरते ही जोरदार धमाके के साथ क्रैश हो गया। आंखों के सामने जलता हुआ विमान, चीख-पुकार और आग की लपटों में घिरा इलाका…अहमदाबाद का मेघनानी नगर इलाका कुछ देर के लिए कब्रिस्तान बन गया।
इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे। हादसे के बाद पूरे देश में कोहराम मच गया। इस विमान हादसे ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर तब जब यह विमान दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग का ‘ड्रीमलाइनर’ था। बस एक ही सवाल है- आखिर बोइंग कब तक अपनी तकनीकी खामियों की कीमत यात्रियों की जान से चुकाता रहेगा?
कंपनी ने बड़े-बड़े दावों के साथ बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को लॉन्च किया था। कंपनी ने कहा था कि इस विमान की खासियत लंबी दूरी, कम ईंधन खपत और यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करना है। लेकिन पिछले कुछ सालों में बोइंग ड्रीमलाइनर का रिकॉर्ड कुछ और ही कहानी बयां करता है।
इस साल की शुरुआत में ही रजिस्ट्रेशन नंबर “N819AN” वाले ड्रीमलाइनर में लगातार तकनीकी खामियां देखने को मिली थीं। महज एक महीने में ही इसमें हाइड्रोलिक लीकेज, फ्लैप फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं पाई गईं, जिसके चलते दर्जनों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। जिसके बाद ड्रीमलाइनर की उड़ान डर के साये में आ गई और अहमदाबाद हादसा उस डर की ताजा पुष्टि बन गया है।
सरकारी आंकड़ों की मानें तो अब तक बोइंग विमानों से जुड़ी करीब 6,000 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें से 415 दुर्घटनाएं सीधे तौर पर जानलेवा थीं, जिनमें 9,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। ये आंकड़े बताते हैं कि बोइंग के विमान पूरी दुनिया में उड़ रहे हैं, लेकिन कोई भी उड़ान मौत को दावत भी बन सकती है।
बोइंग के एक पूर्व इंजीनियर और व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपौर ने पहले ही दुनिया को आगाह कर दिया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि बोइंग ने अपने 777 और 787 मॉडल के निर्माण में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी ने शॉर्टकट अपनाए, सुरक्षा परीक्षणों को नजरअंदाज किया और मुनाफे के लिए यात्रियों की जान जोखिम में डाली। सैम ने तो यहां तक कह दिया था कि “ये हादसे बस समय की बात हैं।”
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आज अहमदाबाद हादसा उनके दावों की भयावह सच्चाई बनकर सामने आया है। अब सवाल यह है कि इस हादसे के बाद एयर इंडिया और बोइंग यात्रियों को कितना मुआवजा देंगे, क्या जिम्मेदारियां तय होंगी और क्या बोइंग अब भी दुनिया को ‘सपनों की उड़ान’ का हवाला देकर ‘मौत की सामान’ बेचता रहेगा?