Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Dussehra 2025 |
  • Shardiya Navratri |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

पुण्यतिथि विशेष: वो हस्ती जिसने ठुकराई पीएम की कुर्सी…बना राष्ट्रपति, बेटी-दामाद के हत्यारों की दया याचिका पर लिया ये फैसला

राष्ट्रपति के पास इतनी शक्ति होती है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा मृत्युदंड की सजा पाए व्यक्ति को क्षमा कर सकता है। ऐसे ही राष्ट्रपति के पास दो अपराधियों की दया याचिका आई। जिन्होंने उनके ही बेटी-दामाद की हत्या की थी।

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Dec 26, 2024 | 05:45 AM

शंकर दयाल शर्मा (सोर्स-सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: देश के राष्ट्रपति के पास इतनी शक्ति होती है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा मृत्युदंड की सजा पाए व्यक्ति को क्षमा कर सकता है। इसी तरह राष्ट्रपति के पास दो अपराधियों की दया याचिका आई। ये अपराधी भी कोई साधारण अपराधी नहीं थे, ये वो अपराधी थे जिन्होंने उसी राष्ट्रपति की बेटी और दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हम बात कर रहे हैं देश के नौवें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की। देश आज यानी गुरुवार को उनकी 25 पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है। शंकर दयाल शर्मा का जीवन उपलब्धियों, विडंबनाओं और विवादों से भरा रहा। डॉ. शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को भोपाल में हुआ था। वे 22 साल की उम्र में स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और आजादी के बाद 1952 में मुख्यमंत्री बने। वे ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक बार प्रधानमंत्री का पद भी ठुकरा दिया था।

बेटी और दामाद का हुआ मर्डर

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहते हुए शंकर दयाल शर्मा की बेटी और दामाद की हत्या कर दी गई थी। यह उस समय की बात है जब ऑपरेशन ब्लू स्टार के कारण सिखों का एक वर्ग इंदिरा गांधी से काफी नाराज था। 1984 में खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था। मंदिर को उससे मुक्त कराने के लिए इंदिरा गांधी ने यह ऑपरेशन चलाया, जिसकी जिम्मेदारी जनरल अरुण श्रीधर वैद्य को सौंपी गई।

चार महीने बाद हुई इंदिरा की हत्या

भिंडरावाले मारा गया, लेकिन इस ऑपरेशन से सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। इस ऑपरेशन के चार महीने बाद इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों ने हत्या कर दी। इसके बाद हुए दंगों में सिखों का कत्लेआम हुआ। इन दंगों के लिए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया गया। इनमें से एक नाम ललित माकन का भी था। वे कांग्रेस के युवा नेता और शंकर दयाल शर्मा के दामाद भी थे।

खालिस्तानी आतंकियों ने गोलियों से भूना

31 जुलाई 1985 को ललित माकन कृति नगर स्थित अपने आवास पर लोगों से मिलने के बाद अपनी कार में बैठे थे, तभी तीन आतंकियों हरजिंदर सिंह जिंदा, सुखदेव सिंह सुखा और रंजीत सिंह गिल कुकी ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इस हमले में ललित माकन, उनकी पत्नी गीतांजलि और सहयोगी बाल किशन की मौत हो गई।

खारिज की हत्यारों की दया याचिका

हरजिंदर सिंह जिंदा और सुखदेव सिंह सुखा के खिलाफ केस दर्ज किया गया और कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई। हत्यारों के बचने की एक ही उम्मीद थी और वह थी दया याचिका। उस समय शंकर दयाल शर्मा राष्ट्रपति थे। इन्हीं हत्यारों ने उनकी बेटी और दामाद की भी हत्या की थी। राष्ट्रपति ने दोनों की दया याचिका खारिज कर दी और 9 अक्टूबर 1992 को दोनों को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई।

शंकर दयाल शर्मा का करियर

डॉ. शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को मध्य प्रदेश के भोपाल के आमोन गांव में हुआ था। उनके पिता पंडित खुशीलाल शर्मा एक प्रसिद्ध वैद्य थे और उनकी माता का नाम सुभद्रा देवी था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय दिगंबर जैन स्कूल में प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज आगरा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य, हिंदी, संस्कृत में मास्टर डिग्री और लखनऊ विश्वविद्यालय से एएलएम की डिग्री प्राप्त की।

पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाले शंकर दयाल शर्मा इसके बाद कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए और वहां पीएचडी की। उन्होंने कुछ समय तक कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया और वापस लौटने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में कानून पढ़ाया।

शंकर दयाल शर्मा का सियासी सफर

1940 में डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने पहली बार वकालत शुरू की। उसके बाद उसी साल वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और राजनीति में प्रवेश किया। भारत की आजादी के समय भोपाल के नवाब ने स्वतंत्र रहने की घोषणा की, तब डॉ. शर्मा ने नवाब के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसके बाद नवाब ने उन्हें 1948 में गिरफ्तार कर लिया और वे 8 महीने तक जेल में रहे। बाद में जनता के दबाव में नवाब को उन्हें रिहा करना पड़ा। इसके बाद 30 अप्रैल 1949 को नवाब ने भोपाल के भारत में विलय पर सहमति जताई।

1952 में बने भोपाल के मुख्यमंत्री

डॉ. शर्मा 1950 से भोपाल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 1952 में वे भोपाल राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने और वे उस समय के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे। वे 1956 तक भोपाल के मुख्यमंत्री रहे, जिसके बाद भोपाल का तत्कालीन मध्य प्रदेश में विलय हो गया और डॉ. शर्मा ने भोपाल को राज्य की राजधानी बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।

1972 में बने कांग्रेस अध्यक्ष

डॉ. शर्मा 1957, 1962 और 1967 में लगातार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे और इस दौरान वे राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। डॉ. शर्मा ने 1960 के दशक के आखिर में इंदिरा गांधी का समर्थन किया, जिसके बाद वे राष्ट्रीय राजनीति में आए और 1971 में वे भोपाल सीट से लोकसभा के सदस्य बने। 1972 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसके बाद 1974 से तीन साल तक वे संचार मंत्री रहे। इसके बाद 1980 में भी वे भोपाल लोकसभा सीट से जीते।

पुण्यतिथि विशेष से जुड़े लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद डॉ. शर्मा कई राज्यों के राज्यपाल बने। जब वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे, तब उनकी बेटी गीतांजलि माकन और दामाद ललित माकन की सिख आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। 1985 में उन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाया गया और 1986 में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया। 1987 में वे भारत के आठवें उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति चुने गए और पांच साल बाद 1992 में वे भारत के नौवें राष्ट्रपति चुने गए। साल 1999 में आज ही के दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।

Death anniversary know some interesting facts about former president shankar dayal sharma

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Dec 26, 2024 | 05:45 AM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के लिए नहीं ली फीस, मुनाफे में करेंगे हिस्सा

2

8 भाइयों की इकलौती बहन थीं शारदा सिन्हा, छठ कोकिला का पान से रहा अटूट रिश्ता

3

अल्लू अर्जुन के भाई अल्लू सिरीश की सगाई का ऐलान, दादी की आखिरी ख्वाहिश को किया याद

4

आलिया भट्ट का नवरात्रि अवतार, उल्टा पल्ला साड़ी में दिखीं बेहद खूबसूरत, रानी मुखर्जी संग दिए पोज

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.