राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल, फोटो- सोशल मीडिया
AAP vs INDIA: राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन की सहयोगी होने के नाते आप को निमंत्रण तो भेजा। लेकिन राहुल के निमंत्रण के बावजूद आप का कोई नेता उनके डिनर में नहीं पहुंचा। इसपर आप के एक बड़े नेता ने कहा, ‘जो नेता दिल्ली से लेकर पंजाब तक में केजरीवाल पर जहर उगलें तो हम उनका नमक कैसे खा सकते हैं।’
गुजरात में अरविंद केजरीवाल की लगातार बढ़ती सक्रियता को कांग्रेस नहीं पचा पा रही है। यही हाल पंजाब को लेकर आम आदमी पार्टी का है जो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को अपने लिए खतरा मान रही है। आप नेता दिल्ली की हार के लिए पूरी तरह से कांग्रेस को जिम्मेदार मान रहे हैं। इसलिए अब आप का फोकस गुजरात और पंजाब पर है जहां कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है। अरविंद केजरीवाल गुजरात में जीरो से लेकर संगठन निर्माण में लगे हैं। मध्य प्रदेश, गोवा में भी संगठन की मजबूती पर फोकस कर रहे हैं।
गुजरात की विसावदर विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत ने गुजरात में आम आदमी पार्टी के लिए खेल बदल दिया है। आप संयोजक केजरीवाल की नजर अब विसावदर की जीत को भुनाने पर है। वो लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं और उनके भाषणों में बीजेपी से लड़ने के वैचारिक कारण गिनाए जाते हैं। केजरीवाल सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच सांठगांठ के आरोप लगाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। केजरीवाल की इसी सक्रियता को कांग्रेस अपने लिए गुजरात की सत्ता से दूर रहने का कारण मान रही है।
कांग्रेस गुजरात को लेकर सहमी है तो आम आदमी पार्टी पंजाब को लेकर डरी हुई है। पंजाब में साल 2022 के चुनाव में आप ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों ने सत्तारूढ़ पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
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एक तरफ जहां कांग्रेस ने पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 7 पर जीत हासिल की तो दूसरी ओर आप सिर्फ तीन सीटें ही जीत पाई। इसी खतरे को भांप कर अरविंद केजरीवाल खुद तो पंजाब में कई जटिल मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को मजबूत करने के नाम पर उन्होंने अपने करीबी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भी वहां लगाया हुआ है।
नवभारत लाइव के लिए नवीन गौतम की रिपोर्ट