कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)
Rahul Gandhi On English Language: राहुल गांधी का कहना है कि भारत में तरक्की और सफलता का सबसे बड़ा जरिया अंग्रेजी शिक्षा है। उनका कहना है कि आज के दौर में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा हिंदी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से कहीं ज्यादा कारगर साबित हो रही है। राहुल गांधी ने कहा कि आज अंग्रेजी के बिना तरक्की नहीं हो सकती है। उन्होंंने साफ किया कि हर भाषा का महत्व है लेकिन अंग्रेजी जरूरी है।
राहुल ने एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने साफ शब्दों में कहा, ‘अगर भारत में कोई चीज तरक्की लाती है, तो वो अंग्रेजी शिक्षा है। आज यही सबसे बड़ा कारक है जो सफलता और तरक्की तय करता है।’ राहुल ने कहा कि हिंदी, तमिल, कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं का अपना महत्व है, लेकिन आज के भारत में अगर किसी चीज ने सामाजिक असमानता की दीवार तोड़ी है, तो वो अंग्रेजी भाषा है।
❓What is the single biggest factor that determines success for an individual in India?
👉It is education in English—the single biggest determinant of success and progress in India. Meaning, an English education is much more powerful in India today.
👉If you ask all the BJP… pic.twitter.com/LMnbP2y52N
— Congress (@INCIndia) July 24, 2025
उन्होंने कहा, ‘यह एक चकित कर देने वाला सत्य है, लेकिन यह सत्य है। मैं यह नहीं कह रहा कि हिंदी या क्षेत्रीय भाषाएं जरूरी नहीं हैं, लेकिन अंग्रेजी द्वारा प्रदान किया गये मौके आज भी सबसे प्रभावी है।’
राहुल गांधी ने आगे भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जो लोग अंग्रेजी को खत्म करने की बात कहते हैं, उनसे पूछिए कि उनके बच्चे कहां पढ़ते हैं? जवाब मिलेगा – अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में। फिर एक गरीब बच्चे को यह अवसर क्यों नहीं मिलना चाहिए? एक दलित, आदिवासी या ओबीसी महिला को यह अवसर क्यों नहीं मिलना चाहिए?’ उन्होंने कहा जब ये सभी लोग अपने बच्चे को अंग्रेजी में पढ़ाते है तो फिर किसी गरीब के बच्चे को अंग्रेजी में क्यों नहीं पढ़ने का अवसर मिलना चाहिए।
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उन्होंने आगे कहा, शिक्षा में प्रगति के लिए सबसे जरूरी चीज क्या है? अंग्रेजी। आज भारत में सफलता और प्रगति का सबसे बड़ा कारण अंग्रेजी शिक्षा है।” उन्होंने कहा, “आज अंग्रेजी शिक्षा, क्षेत्रीय भाषा या हिंदी से भी ज्यादा प्रभावी है। यह आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन यह सच है। मैं यह नहीं कह रहा कि हिंदी या क्षेत्रीय भाषाएं महत्वपूर्ण नहीं हैं। वे भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। लेकिन आज भारत में प्रगति को निर्धारित करने वाली चीज अगर है तो वो अंग्रेजी शिक्षा है।”