कर्नाटक के सीएम रेवंत रेड्डी (डिजाइन फोटो)
बेंगलुरु: महंगाई के मुद्दे पर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस पार्टी का दोहरा रवैया देखने को मिला है। एक तरफ वह देश में ईंधन के दामों में बढ़ोतरी का विरोध करती दिखाई देती है, वहीं, दूसरी तरफ जिस राज्य में खुद की पार्टी की सरकार है वहां दामों में इजाफा कर रही है।
कर्नाटक सरकार ने डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल से डीजल पर बिक्री कर बढ़ा दिया है, जिससे डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, डीजल पर लागू केएसटी यानी कर्नाटक बिक्री कर को 18.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 21.17 प्रतिशत कर दिया गया है।
अखिला कर्नाटक पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, इससे डीजल की कीमत में करीब 2 रुपये से 2.75 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एलके अतीक ने मीडिया को बताया कि बिक्री कर में बढ़ोतरी के बावजूद राज्य में डीजल की कीमतें दक्षिण भारत में सबसे कम बनी हुई हैं।
वहीं, कर्नाटक में डीजल की कीमत 88.99 रुपये प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल की कीमत 102.92 रुपये प्रति लीटर है। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से परिवहन शुल्क में बढ़ोतरी होगी, जिसका बोझ पहले से ही बढ़ती लागत से परेशान ग्राहकों पर पड़ने की संभावना है। वहीं, कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही है।
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आपको बता दें कि बेंगलुरू की नगर निकाय बीबीएमपी ने 1 अप्रैल से घरों पर हाउस टैक्स के साथ-साथ कचरा प्रबंधन कर भी लगाना शुरू कर दिया है। हाल ही में बस किराए में 15 प्रतिशत, मेट्रो किराए में 71 प्रतिशत, दूध के दाम में 4 रुपये प्रति लीटर और बिजली बिल में भी बढ़ोतरी की गई है। आने वाले सालों में फिक्स चार्ज में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी – 2025-26 में 25 रुपये, 2026-27 में 30 रुपये और 2027-28 में 40 रुपये।