कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP Government Strict on Dalit: दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जहां पीएम मोदी पर “आंखें मूंदने” का सीधा आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा का शासन दलितों के लिए अभिशाप बन गया है। इन बयानों ने देश में दलित सुरक्षा के मुद्दे पर एक नई और गंभीर बहस छेड़ दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलितों के खिलाफ अपराध की हालिया घटनाओं को अलग-अलग वारदात मानने से इनकार करते हुए इन्हें आरएसएस-भाजपा की सामंतवादी सोच का खतरनाक प्रदर्शन बताया। उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2013 से 2023 के बीच दलितों के खिलाफ अपराध में 46 प्रतिशत और आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 91 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई है। खड़गे ने जोर देकर कहा कि देश संविधान से चलेगा, किसी कट्टर विचारधारा के फरमान से नहीं।
प्रियंका गांधी ने हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की कथित आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “जातीय प्रताड़ना से परेशान होकर एक आईपीएस अधिकारी का आत्महत्या कर लेना पूरे देश को स्तब्ध कर देता है।” प्रियंका ने रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या और प्रधान न्यायाधीश के अपमान जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये साबित करती हैं कि भाजपा राज में दलित सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब ऊंचे पदों पर बैठे दलितों का यह हाल है, तो आम दलित समाज किन भयानक हालातों में जी रहा होगा।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमजोर वर्ग इसका खामियाजा भुगत रहे हैं और प्रधानमंत्री इन सब पर आंखें बंद कर अपने ही तमाशों में व्यस्त हैं। उन्होंने हरियाणा में आईपीएस अधिकारी से हुए जातिगत भेदभाव, राजस्थान के सवाई माधोपुर में दलित बुजुर्ग महिला पर अत्याचार और हरिओम वाल्मीकि की प्रताड़ना जैसी घटनाओं को भारत के संविधान, सामाजिक न्याय और समानता के मूल सिद्धांतों पर सीधा हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि यह डराकर दबाने की राजनीति लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।