मल्लिकार्जुन खड़गे (सोर्स- सोशल मीडिया)
Congress Foundation Day: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर दिल्ली में राजनीतिक पारा गरमा गया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंदिरा भवन में आयोजित समारोह में भाजपा और मोदी सरकार पर करारा प्रहार किया। उन्होंने आलोचकों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जो लोग सोचते हैं कांग्रेस खत्म हो गई है, वे गलतफहमी में हैं।
खड़गे ने हुंकार भरते हुए कहा कि भले ही हमारे पास सत्ता कम हो, लेकिन कांग्रेस की रीढ़ आज भी सीधी है और हम अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करेंगे। खड़गे ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने कभी भी सत्ता पाने के लिए सौदेबाजी नहीं की और न ही कभी संविधान, धर्मनिरपेक्षता और गरीबों के अधिकारों से कोई समझौता किया।
उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जहां कांग्रेस देश को जोड़ने का काम करती है, वहीं भाजपा तोड़ने की राजनीति में विश्वास रखती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास सत्ता तो है लेकिन सच्चाई नहीं है। यही कारण है कि सरकार कभी आंकड़े छिपाती है, कभी जनगणना रोकती है और कभी संविधान बदलने की बातें करती है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा धर्म को आस्था तक सीमित रखा, लेकिन कुछ लोगों ने इसे राजनीति का हथियार बना दिया है और मंदिर-मस्जिद के नाम पर नफरत फैलाई है।
अपने संबोधन में खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के इतिहास को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने उन मजबूत संस्थानों को कमजोर कर दिया है जिन्हें कांग्रेस ने बनाया था। आज न केवल राष्ट्रीय संपदा बल्कि जल, जंगल और जमीन भी खतरे में हैं।
खड़गे ने दावा किया कि संघ और भाजपा के कई नेताओं ने देश के संविधान, तिरंगा झंडा, अशोक चक्र और वंदे मातरम तक को कभी दिल से स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि इन लोगों का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं रहा और उन्होंने हमेशा समाज की प्रगति के लिए बने कानूनों का विरोध किया। आज यही लोग जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने और कुचलने का काम कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस पूरी मजबूती से इसके खिलाफ लड़ रही है।
खड़गे ने यूपीए सरकार के स्वर्णिम कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि जब सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष थीं और डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब जनता को ताकतवर बनाने वाले कई ऐतिहासिक कानून बनाए गए। इनमें सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा, वन अधिकार कानून और भूमि अधिग्रहण कानून शामिल हैं। कार्यक्रम में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे जिन्होंने ध्वजारोहण में हिस्सा लिया।
यह भी पढे़ं: दिग्विजय सिंह के निशाने पर KC वेणुगोपाल? CWC मीटिंग में हुए हाईवोल्टेज ड्रामे की इनसाइड स्टोरी
इस मौके पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखकर कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा कि सत्ता में बैठे लोग अन्याय और उत्पीड़न को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन हम लड़ते रहेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई के दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई थी, जिसमें 72 प्रतिनिधि शामिल थे। एओ ह्यूम इसके संस्थापक महासचिव थे और व्योमेश चंद्र बनर्जी पहले अध्यक्ष बने थे। आज 140 साल बाद भी पार्टी उसी विरासत को बचाने की लड़ाई लड़ रही है।