तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (फोटो- सोशल मीडिया)
Tamil Nadu CM MK Stalin on Muslim Rights: तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य के मुस्लिम समुदाय को साधने की बड़ी कोशिश की है। उन्होंने रविवार को भाजपा और AIADMK पर तीखा हमला बोलते हुए अपनी पार्टी DMK को मुस्लिमों का एकमात्र सच्चा हितैषी बताया। स्टालिन ने ऐलान किया कि DMK हमेशा मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि विवादास्पद वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि DMK की कानूनी लड़ाई के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके प्रावधानों पर रोक लगाई है।
पैगंबर मोहम्मद की 1,500वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक समारोह में स्टालिन ने DMK के ऐतिहासिक संबंधों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि पार्टी के संस्थापक सीएन अन्नादुरई और पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की पहली मुलाकात तिरुवरूर में मिलाद-उन-नबी के एक कार्यक्रम में ही हुई थी। यहीं से दोनों नेताओं के बीच एक ऐसा मजबूत रिश्ता बना, जो आगे चलकर तमिलनाडु के विकास की नींव साबित हुआ। उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों के मुस्लिम नेताओं की मंच पर मौजूदगी इस बात का सबूत है कि एकता ही जीत का पहला कदम है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने AIADMK पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर मुसलमानों के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी का नाम लिए बिना तंज कसा कि “आप अच्छी तरह जानते हैं कि किसने पूछा था कि CAA से भला कौन प्रभावित हुआ है।” स्टालिन ने याद दिलाया कि AIADMK के शासन में ही CAA का विरोध कर रहे मुसलमानों पर लाठीचार्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि AIADMK के इसी दोहरे मापदंड और धोखेबाजी के कारण अनवर राजा जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर DMK में शामिल हो गए।
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स्टालिन ने अपनी सरकार और पार्टी द्वारा मुस्लिम हितों में किए गए कामों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि यह करुणानिधि ही थे, जिन्होंने 1969 में मिलाद-उन-नबी पर सरकारी अवकाश घोषित किया था, जिसे 2001 में AIADMK सरकार ने रद्द कर दिया और फिर 2006 में DMK ने सत्ता में आकर इसे बहाल किया। गाजा पट्टी की स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए स्टालिन ने केंद्र सरकार से फिलिस्तीनियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब भी मुसलमानों को कोई परेशानी होगी, तो DMK ही सबसे पहले उनके समर्थन में खड़ी होगी।