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मंदिर का पैसा देवता का है, बैंकों को गुजारे के लिए नहीं दे सकते, दान पर सीजेआई सूर्यकांत का बड़ा बयान

Thirunelli Temple Devaswom: सीजेआई ने कहा कि मंदिर का पैसा देवता का है। उस पैसे को सिर्फ मंदिर के हितों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह किसी को-ऑपरेटिव बैंक के लिए गुजारे का जरिया नहीं बन सकता है।

  • By रंजन कुमार
Updated On: Dec 06, 2025 | 09:22 AM

सीजेआई और मंदिर।

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Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों को दान में मिलने वाले पैसे को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने शुक्रवार यानी 5 दिसंबर को कहा कि मंदिर को दान में दिए गए पैसे देवता के होते हैं। इसका इस्तेमाल किसी सहकारी बैंक को बचाने या उसको समृद्ध बनाने के लिए नहीं हो सकता। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ केरल के कुछ सहकारी बैंकों की उन अर्जियों पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें केरल हाईकोर्ट की तरफ से थिरुनेल्ली मंदिर देवास्वोम की जमा राशि लौटाने के आदेश को चैलेंज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश में गलत क्या है?

सीजेआई सूर्यकांत ने पूछा, आप मंदिर के पैसे को बैंक को बचाने के लिए उपयोग करना चाहते हैं। इसमें गलत क्या है कि मंदिर का पैसा ऐसी सहकारी बैंक में पड़े रहने के बजाय किसी नेशनल बैंक में जाए जो ज्यादा ब्याज दे सके? उन्होंने कहा कि मंदिर का पैसा देवता का होता है, इसलिए इसे सुरक्षित करना, संरक्षित करना और सिर्फ मंदिर के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। यह किसी सहकारी बैंक की इनकम या उसके अस्तित्व का बेस नहीं बन सकता।

याचिकाकर्ता बैंकों ने दी ये दलील

याचिकाकर्ता बैंकों के एडवोकेट मनु कृष्णन जी ने दलील दी कि हाईकोर्ट द्वारा 2 महीने के अंदर जमा राशि लौटाने का अचानक निर्देश मुश्किल पैदा कर रहा है। इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको जनता के बीच अपनी क्रेडिबिलिटी स्थापित करनी चाहिए। आप कस्टमर्स और डिपोजिट्स आकर्षित नहीं कर पा रहे, यह आपकी समस्या है।

हाईकोर्ट के फैसले को क्यों किया चैलेंज?

जस्टिस बागची ने कहा कि बैंक की जिम्मेदारी थी कि डिपोजिट्स की समय सीमा पूरी होते उसे लौटाए। इस पर वकील ने कहा कि बैंक डिपोजिट्स क्लोस करने का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन अचानक राशि लौटाने का आदेश मुश्किल पैदा करेगा।

यह भी पढ़ें: क्या मजाक है ये हमारे कानूनी सिस्टम का? CJI सूर्यकांत का फूटा गुस्सा, इस केस पर हुए नाराज

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं। वैसे, याचिकाकर्ताओं को आजादी दी कि वे वक्त बढ़ाने के लिए केरल हाईकोर्ट में अर्जी दे सकते हैं। ये याचिकाएं मनथनावाडी को-ऑपरेटिव अर्बन सोसाइटी लिमिटेड और थिरुनेल्ली सर्विस कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने दायर की थीं। उन्होंने केरल हाईकोर्ट के अगस्त में दिए गए डिवीजन बेंच के निर्णय को चैलेंज किया था। केरल हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि संबंधित बैंक थिरुनेल्ली मंदिर देवास्वोम की जमा राशि को 2 महीने में लौटा दें।

Cji surya kant big statement on donations

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Published On: Dec 06, 2025 | 09:22 AM

Topics:  

  • CJI Surya Kant
  • Supreme Court
  • Supreme Court Verdict

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