पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति।
India Trade Policy: पड़ोसी देश चीन ने फिर भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है। चीन ने यह शिकायत भारत की तरफ से लगाए गए टैरिफ और दी जाने वाले सब्सिडी को लेकर की है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीन ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों पर भारत के टैरिफ और भारतीय सब्सिडी के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में मामला दायर करा दिया है।
दरअसल, भारत के मार्केट में चीन खुली छूट चाहता है। वह भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के खिलाफ है। उसका कहना है कि सब्सिडी और टैरिफ से भारत के घरेलू व्यापारियों को लाभ मिलता है, जिससे चीनी हितों को नुकसान पहुंचता है। बता दें, हाल में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी थी। व्यापार पर द्विपक्षीय बातचीत भी हुई थी, लेकिन अब यह शिकायत रिश्तों में तल्खी बढ़ा सकता है।
चीनी मंत्रालय ने कहा कि भारतीय टैरिफ और सब्सिडी भारत के घरेलू उद्योगों को गलत कॉम्पिटिटिव फायदा देते हैं, जो चीनी हितों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन करते हैं। हम फिर भारत से आग्रह करते हैं कि वह विश्व व्यापार संगठन में अपनी संबंधित प्रतिबद्धताओं का पालन करे और अपनी गलत प्रथाओं को तुरंत सुधारे। इससे पहले भारत के खिलाफ अक्टूबर में शिकायत दर्ज कराई थी। चीन ने उस दौरान भी यही कहा था कि भारत की सब्सिडी की वजह से चीनी उत्पादों को फेयर बिजनेस कंपटीशन का माहौल नहीं मिल पा रहा है। इससे पहले चीन ने भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत थी। इंटरनेशनल ट्रेड पर यूनाइटेड नेशंस COMTRADE डेटाबेस के अनुसार, 2024 में भारत ने चीन से US$126.96 बिलियन का इंपोर्ट किया था।
यह भी पढ़ें: चीन ने अमेरिका से कैसे जीता टैरिफ युद्ध? भारत भी अपना सकता है वही रुख, बस करने होंगे ये काम
भारत जैसे बड़े बाजारों में चीन से सबसे ज्यादा इंपोर्ट की जाने वाली उत्पादों में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट हैं। इनमें मोबाइल, इंटीग्रेटेड सर्किट और कंपोनेंट शामिल हैं। इसके बाद मशीनरी और मैकेनिकल अप्लायंसेज (बॉयलर, इंडस्ट्रियल इक्विपमेंट) हैं। इसके बाद केमिकल्स और फर्नीचर, खिलौने और ऑटो पार्ट्स जैसे दूसरे मैन्युफैक्चर्ड सामान आते हैं। ये चीन की बड़ी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के कारण संभव है।