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‘I Love You’ बोला तो माना जाएगा गुनाह…होगी जेल! हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, आखिर क्या है पूरा मामला

Legal News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम और कड़े फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी महिला का हाथ पकड़कर उसे खींचना और जबरन 'आई लव यू' कहना प्यार का इजहार नहीं, बल्कि अपराध है।

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Dec 24, 2025 | 04:51 PM

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (सोर्स- सोशल मीडिया)

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम और कड़े फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी महिला का हाथ पकड़कर उसे खींचना और जबरन ‘आई लव यू’ कहना प्यार का इजहार नहीं, बल्कि अपराध है। अदालत ने इसे महिला की मर्यादा का उल्लंघन माना है। कोर्ट ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि खास तौर पर ग्रामीण परिवेश में किसी युवक द्वारा लड़की के साथ ऐसा व्यवहार बेहद आपत्तिजनक है।

जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की एकल पीठ ने उस युवक की याचिका पर सुनवाई की, जिसे निचली अदालत ने इस हरकत के लिए सजा सुनाई थी। घटना के वक्त आरोपी की उम्र 19 साल थी। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आईपीसी की धारा 354 के तहत उसकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा।

छेड़खानी करने वालों को सबक

हाई कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए एक सबक है जो राह चलती लड़कियों से छेड़खानी को हल्के में लेते हैं। हालांकि, आरोपी की कम उम्र और अपराध की प्रकृति को देखते हुए, जिसमें हाथ पकड़ने और बोलने के अलावा कोई अन्य कृत्य नहीं था, सजा को तीन साल से घटाकर एक साल के कठोर कारावास में बदल दिया गया है।

HC ने POCSO एक्ट से दी राहत

निचली अदालत ने साल 2022 में दिए अपने आदेश में आरोपी को आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न का भी दोषी माना था। लेकिन हाई कोर्ट ने इस मामले की बारीकी से जांच की और पाया कि पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी की दोषसिद्धि कानूनी रूप से स्थिर नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि घटना की तारीख को पीड़िता का नाबालिग होना पूरी तरह साबित नहीं हो पाया था।

धारा 354 के तहत सजा जायज

इस तकनीकी आधार पर कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दी गई सजा को रद्द कर दिया। इसके बावजूद, स्पेशल कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 354 के तहत, यानी महिला की लज्जा भंग करने के आरोप में दी गई सजा को बिल्कुल सही ठहराया गया। अदालत ने माना कि आरोपी का कृत्य पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से ही किया गया था।

जानिए क्या कुछ है पूरा मामला?

यह पूरा मामला तब का है जब पीड़िता अपनी छोटी बहन और सहेली के साथ स्कूल से घर लौट रही थी। तभी आरोपी ने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा और ‘आई लव यू’ कहा। इस हरकत से घबराकर लड़की डर गई और भागकर पास ही एक मजार के अंदर चली गई थी।

यह भी पढ़ें: एयर प्यूरीफायर पर टैक्स वसूली! सरकार ने मांगा 15 दिन का समय तो भड़का HC, बोला- सांस लेना बंद कर दें?

सुनवाई के दौरान राज्य की वकील प्रभा शर्मा ने निचली अदालत के फैसले का समर्थन किया और इसे तर्कसंगत बताया। वहीं, बचाव पक्ष के वकील पुनीत रूपारेल ने दलील दी कि सिर्फ ‘आई लव यू’ कहना अपने आप में पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न नहीं है और यह संदेह से परे साबित नहीं होता कि हाथ यौन इरादे से पकड़ा गया था।

आरोपी को सजा पूरी कर्ने का निर्देश

तमाम दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपी का व्यवहार उसकी मर्यादा का उल्लंघन था। चूंकि आरोपी अभी जमानत पर बाहर है, इसलिए कोर्ट ने उसे संबंधित अदालत के सामने सरेंडर करने और अपनी बची हुई कारावास की सजा पूरी करने का निर्देश दिया है।

Chhattisgarh high court says holding hand and saying i love you is crime under ipc 354

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Published On: Dec 24, 2025 | 04:51 PM

Topics:  

  • Chhattisgarh News
  • High Court
  • Legal News

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