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गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी के बाद जाएगी कुर्सी! केंद्र सरकार ला रही है तीन नए बिल

Amit Shah आज संसद में तीन बिल पेश करेंगे। इसमें गंभीर मामलों में गिरफ्तार होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य मंत्री को पद से हटाया जाने का प्रावधान है।

  • By प्रतीक पांडेय
Updated On: Aug 20, 2025 | 07:38 AM

अमित शाह, फोटो: सोशल मीडिया

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130th Constitutional Amendment Bill 2025: भारत सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य मंत्रियों को उनके पद से हटाने की तैयारी में है। इसी उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में तीन महत्वपूर्ण बिल पेश करने जा रहे हैं।

इन विधेयकों में प्रावधान किया गया है कि यदि इन संवैधानिक पदों पर बैठे किसी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया हो, जिसकी सजा कम से कम पांच साल हो सकती है, और उसे लगातार 30 दिन तक हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन स्वतः ही उसे पद से हटा दिया जाएगा।

ये तीन बिल कौन-कौन से हैं?

  • गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025
  •  130वां संविधान संशोधन बिल 2025
  • जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025

आज अमित शाह इन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी लोकसभा में पेश करेंगे।

पहला बिल: गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025

केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वर्तमान कानून, यानी ‘गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट 1963’ में किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर अपराध में गिरफ्तारी की स्थिति में हटाने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। इसलिए सरकार इस एक्ट की धारा 45 में संशोधन करने जा रही है ताकि ऐसी स्थिति में कानूनी रूप से उन्हें हटाया जा सके।

दूसरा बिल: 130वां संविधान संशोधन बिल 2025

वर्तमान संविधान में ऐसे किसी भी प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य मंत्री को हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया हो। इसलिए अनुच्छेद 75 (केंद्र), 164 (राज्य) और 239AA (दिल्ली) में संशोधन प्रस्तावित है ताकि संवैधानिक रूप से यह कार्रवाई की जा सके।

तीसरा बिल: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025

2019 के जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 54 में भी मुख्यमंत्री या मंत्री की गिरफ्तारी के बाद पद से हटाने का कोई प्रावधान नहीं था। अब इसमें संशोधन कर यह व्यवस्था की जाएगी कि यदि कोई मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर अपराध में गिरफ्तार होता है और 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो उसे पद से हटाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: 81वीं जयंती पर याद करें उस लीडर को जिसने सालों पहले ही देश में ला दी थी एआई जैसी क्रांति

यह कानून इसलिए जरूरी माना जा रहा है क्योंकि अब तक संविधान में केवल दोष सिद्ध होने पर ही किसी जनप्रतिनिधि को पद से हटाने की व्यवस्था थी। कई बार गिरफ्तारी के बाद भी मंत्री या मुख्यमंत्री अपने पद पर बने रहते हैं, जिससे संवैधानिक और राजनीतिक विवाद उत्पन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया था और जमानत मिलने के बाद ही पद छोड़ा। तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी ने भी गिरफ्तारी के बाद पद नहीं छोड़ा था।

गंभीर अपराध और सजा क्या होगी?

इन विधेयकों में यह साफ नहीं किया गया है कि “गंभीर अपराध” में कौन-कौन से अपराध शामिल होंगे, लेकिन यह जरूर कहा गया है कि ऐसे अपराधों में कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान होना चाहिए। इसमें हत्या, संगठित भ्रष्टाचार जैसे अपराध शामिल हो सकते हैं। सरकार का मानना है कि इन बदलावों से लोकतंत्र मजबूत होगा और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा।

Central government three new bills including 130th constitutional amendment bill 2025

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Published On: Aug 20, 2025 | 07:30 AM

Topics:  

  • Amit Shah
  • Central Government
  • Indian Politics

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