जाति जनगणना (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने जनगणना की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जो कि दो चरणों में आयोजित की जाएगी। गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जनगणना का पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा। इस जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराई जाएगी।
पहल चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1 अक्टूबर 2026 से 4 पहाड़ी राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जाति जनगणना कराई जाएगी। बाकी राज्यों को 1 मार्च 2027 से दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज में कहा गया है कि जातियों की जनगणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना कराने का फैसला किया गया है। इससे संबंधित अधिसूचना 16 जून 2025 तक एक आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित कर दी जाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि केंद्र ने 30 अप्रैल 2025 को जाति जनगणना कराने की घोषणा की थी। आजादी के बाद देश में यह पहली जाति जनगणना होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि मूल जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराई जाएगी।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना की मांग करते रहे हैं। देश में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। यह हर 10 साल में होती है। इसके अनुसार, अगली जनगणना 2021 में होनी चाहिए थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया।
मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना कराई गई थी। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने कराया था। हालांकि, इस सर्वेक्षण के आंकड़े कभी सार्वजनिक नहीं किए गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर इसका सिर्फ एससी-एसटी परिवार का डेटा जारी किया गया है।
जनगणना अधिनियम 1948 में एससी-एसटी की गणना का प्रावधान है। ओबीसी की गणना के लिए इसमें संशोधन करना होगा। इससे ओबीसी की 2,650 जातियों का डेटा सामने आएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, 1,270 एससी, 748 एसटी जातियां हैं। 2011 में एससी की आबादी 16.6% और एसटी की 8.6% थी।