बुल्डोजर एक्शन पर SC सख्त
नई दिल्ली: संपत्तियों के ध्वस्तीकरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह न केवल किसी खास समुदाय बल्कि सभी नागरिकों के लिए दिशा निर्देश जारी करेगा। आज कोर्ट ने कहा कि उसके दिशा निर्देश पूरे भारत में लागू होंगे। इसके साथ ही उसने कहा कि वह यह स्पष्ट कर रहा है कि किसी व्यक्ति का महज आरोपी या दोषी होना संपत्ति के ध्वस्तीकरण का आधार नहीं हो सकता।
आज जस्टीस बी आर गवई और जस्टीस के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि, ‘‘हम जो कुछ भी तय कर रहे हैं, हमारा एक धर्मनिरपेक्ष देश है। हम सभी नागरिकों, सभी संस्थानों के लिए इसे जारी कर रहे हैं न कि किसी खास समुदाय के लिए।” पीठ ने कहा कि किसी खास धर्म के लिए अलग कानून नहीं हो सकता है। उसने कहा कि वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी जमीनों या जंगलों में किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगा।
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कोर्ट ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि हमारे आदेश से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वालों को मदद न मिले।” इस मामले की सुनवाई अभी जारी है।
जानकारी दें कि सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिनमें आरोप लगाया गया है कि कई राज्यों में आरोपियों की संपत्ति समेत अन्य संपत्तियां ध्वस्त की जा रही हैं। न्यायालय ने 17 सितंबर को कहा था कि उसकी अनुमति के बगैर एक अक्टूबर तक आरोपियों समेत अन्य लोगों की संपत्तियों को नहीं गिराया जाएगा।
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पीठ ने कहा था कि अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह हमारे संविधान के ‘‘मूल्यों” के विरुद्ध है। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि उसका आदेश सड़कों, फुटपाथ, रेलवे लाइन या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू नहीं होगा और साथ ही उन मामलों पर भी लागू नहीं होगा जिनमें अदालत ने ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)