BJP सांसद अजय भट्ट
Ajay Bhatt in Parliament Viral Video: लड़की की शादी नहीं हो रही हो…नौकरी नहीं लग रही हो…घर में कलेश हो…पति-पत्नी में नहीं बन रही हो…रिश्ता बिगड़ गया हो, या फिर अगर गाय दूध नहीं दे रही हो तो आप “जय राम जय राम जय जय राम” बोलिये। सब सही हो जाएगा। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ये बाते हेैं नैनीताल से भाजपा सांसद अजय भट की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, लोकसभा में मनरेगा से जुड़े बिल पर बुधवार देर रात तक चर्चा हुई। इस दौरान जब भाजपा सांसद अजय भट के बोलने की बारी आई तो पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘राम हे राम जय राम जय-जय राम’ से की। उन्होंने कहाकि इस मंत्र को महात्मा गांधी जी ने अपनाया।
मनरेगा का नाम बदलने को लेकर उन्होंने कहा कि महातिमा गांधी ने अपनाया तो कहीं गलत बात नहीं है, उनका सम्मान है जैसे हमेशा होता रहा है। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि राम जी का नाम आ गया तो चिढ़ किस बात की है। उन्होंने कहा कि अगर इसे कम करके आंकेंगे तो दंड मिलता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि ये 9 अक्षर का सिद्ध मंत्र है।
इसके बाद उन्होंने कहा कि ये सिद्ध मंत्र है लड़की की शादी नहीं हो रही हो…नौकरी नहीं लग रही हो…घर में कलेश हो…पति-पत्नी में नहीं बन रही हो…लड़का बिगड़ गया हो, या फिर अगर गाय दूध नहीं दे रही हो तो आप “जय राम जय राम जय जय राम” बोलिये। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
* लड़की की शादी नहीं हो रही हो
* नौकरी नहीं लग रही हो
* घर में कलेश हो
* पति-पत्नी में नहीं बन रही हो
* रिश्ता बिगड़ गया हो, या फिर अगर दूध नहीं दे रही हो तो आप “जय राम जय राम जय जय राम” बोलिए सदन में BJP सांसद 👇 pic.twitter.com/XduirkL3h7 — Priya singh (@priyarajputlive) December 17, 2025
अनुराग ठाकुर ने कहा कि रोजगार गारंटी से जुड़ी योजनाएं साल 1980 से चल रही हैं। 1989 में कांग्रेस सरकार ने इसका नाम जवाहर रोजगार योजना रखा था, तब महात्मा गांधी की याद नहीं आई। वर्ष 2005 में इस योजना का नाम सिर्फ NREGA रखा गया और 2009 के चुनावी दौर में इसमें महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया।
यह भी पढ़ें- संसद में गूंजेगा प्रदूषण का मुद्दा, आज लोकसभा में जवाब देंगे पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में गरीबों के हिस्से का पैसा बीच में ही खा लिया जाता था, जबकि मोदी सरकार ने जन-धन खातों के माध्यम से धनराशि सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाई। उन्होंने बताया कि कोविड काल के दौरान मोदी सरकार ने मनरेगा के लिए 1.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया, जबकि यूपीए सरकार के समय इसका बजट आमतौर पर 30 से 40 हजार करोड़ रुपये तक ही सीमित रहता था और वह राशि भी पूरी तरह खर्च नहीं हो पाती थी।