कांग्रेस नेता राहुल गांधी व शशि थरूर एवं भाजपा नेता के अन्नामलाई
BJP leader k Annamalai Remark: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत अर्थव्यवस्था बताने वाले बयान पर सियासत गरमा गई है। ट्रंप के बयान का समर्थन करने पर भाजपा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शशि थरूर के बयानों की तुलना की।
के अन्नामलाई ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “एक ने भारत के हित में बात की और दूसरे ने अपने विदेशी आकाओं को खुश करने वाले लहजे में बात की। एक तरफ पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है, वहीं विपक्षी नेता इसके उलट सोचते हैं।” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी भारत की प्रगति को लेकर अंधे हो गए हैं। वह भारत को कमजोर करने वाली विदेशी आवाज़ों को दोहराने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।”
I came across remarks by two Congress leaders on the same topic today. One spoke for India’s Interest, and the other spoke in a tone that would please his offshore masters. When the world acknowledges India as the only bright spot on an otherwise dark horizon, here is the… pic.twitter.com/qejp39fAFF — K.Annamalai (@annamalai_k) July 31, 2025
बता दें कि राहुल गांधी ने ट्रंप के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर सभी जानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था बन चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने तथ्य सबके सामने रखे।
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी से हटके अपनी अलग राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका अपनी गलत मांगों को लेकर अड़ा है, तो फिर भारत को किसी अन्य देश की ओर रुख करना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था चीन की तरह पूरी तरह निर्यात पर निर्भर नहीं है। हम ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।
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हमारे पास विकल्पों की कोई कमी नहीं है और यही भारत की ताकत है।” अमेरिका-पाकिस्तान तेल समझौते पर कटाक्ष करते हुए थरूर ने कहा, “वे पाकिस्तान के साथ मिलकर तेल भंडार विकसित करने जा रहे हैं और पाकिस्तान में तेल खोजने के लिए उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं। यह सिर्फ़ सौदेबाज़ी की रणनीति हो सकती है क्योंकि आप जानते हैं कि व्यापार को लेकर बातचीत अभी भी जारी है।”