Dr. Raman Singh | X
नवभारत डेस्क : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का जन्म 15 अक्टूबर 1952 को अविभाजित मध्यप्रदेश के कवर्धा के एक साधारण परिवार में हुआ था। इस साल वे अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। बचपन से ही पढ़ाई और नेतृत्व में रुचि रखने वाले रमन सिंह ने छात्र जीवन से ही अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। खेल और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते हुए वे भारतीय जनसंघ के युवा सदस्य बने। उनकी संगठनात्मक क्षमता और कार्यशैली के कारण 1976-77 में उन्हें कवर्धा यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया गया।
राजनीति में उनके शुरुआती कदम 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने जाने से पुख्ता हुए। विधानसभा में बतौर विधायक उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व का परिचय दिया, जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 1999 के तेरहवें लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव से मैदान में उतारा। रमन सिंह ने इस चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री का महत्वपूर्ण पद संभाला। उन्होंने 1999 से 2003 तक केंद्रीय मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
2003 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी। बेहद कम समय में उन्होंने संगठन को मजबूत किया और भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन किया गया। 7 दिसंबर 2003 को उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद से वे लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ की सेवा कर रहे हैं।
डॉ. रमन सिंह का यह सफर उनकी कठिन मेहनत, नेतृत्व क्षमता और जनसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। डॉ. रमन सिंह का यह सफर उनकी नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक समझ और विकास के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है। उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। 72वां जन्मदिन उनके जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव को दर्शाता है, जहां वे न केवल अपने राज्य बल्कि पूरे देश में एक आदर्श नेता के रूप में सम्मानित किए जाते हैं।
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