प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
ओडिशा के पुरी में H5N1 वायरस की पुष्टि के बाद प्रशासन ने आपातकालीन नियंत्रण अभियान शुरू किया है। H5N1 वायरस के कारण बर्ड फ्लू का प्रकोप फैलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। ओडिशा के पुरी जिले के डेलंगा ब्लॉक के बड़ा अंकुला गांव में पिछले कुछ दिनों से मुर्गियों की रहस्यमयी मौतें हो रही थीं। जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की, तब प्रशासन ने जांच के लिए सैंपल भेजे। 9 जुलाई को भेजे गए इन सैंपल्स की रिपोर्ट ने H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि की, जिसके बाद बर्ड फ्लू के फैलने का खतरा बढ़ गया।
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने तत्काल ही नियंत्रण उपाय शुरू कर दिए। जिला पशु चिकित्सा अधिकारी की मानें तो संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 6700 से ज्यादा मुर्गियों को मारा गया है। यह कदम प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश के तहत लिया गया। इसके साथ ही संक्रमित इलाके में मुर्गियों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। इस क्षेत्र में 5 रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को तैनात किया गया है।
इसके साथ ही आसपास के 5 गांवों से और सैंपल लिए गए हैं ताकि वायरस के फैलाव का सही आंकलन किया जा सके। राज्य के मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने भी संक्रमित क्षेत्र का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि सभी उपायों को तेज़ी से लागू किया जाए ताकि यह वायरस अन्य इलाकों में न फैल सके।
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बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण होता है जो पक्षियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कई स्ट्रेंस के कारण होता है। पालतू पक्षी जैसे मुर्गियां, बत्तख आदि वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। दुर्लभ मामलों में बर्ड फ्लू मनुष्यों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है।
बर्ड फ्लू से बचने के लिए पोल्ट्री और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को संभालते समय स्वच्छता का ध्यान रखना होता है। साबुन से हाथ धोना, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को ठीक से पकाना और बीमार पक्षियों के संपर्क से बचना ही सबसे कारगर बचाव हो सकते हैं।