नरेंद्र मोदी (सोर्स:-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: शनिवार को मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की तीन व्यापक योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। जिनका विलय ‘विज्ञान धारा’ नामक एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कर दिया गया है।
इसके बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि 15वें वित्त आयोग की 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान विज्ञान धारा के लिए प्रस्तावित परिव्यय 10,579 करोड़ रुपये है। इस योजना के तीन व्यापक घटक हैं जिनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण; अनुसंधान और विकास तथा नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास एवं तैनाती शामिल हैं।
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मंत्रिमंडल ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के उच्च प्रदर्शन जैव विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘बायो ई 3′ (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति को भी मंजूरी दे दी। वैष्णव के अनुसार, ‘बायो ई 3′ नीति विषयगत क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास और उद्यमिता के लिए नवाचार-संचालित समर्थन की बात करती है। वहीं आधिकारिक बयान के अनुसार, यह नीति सरकार की ‘शुद्ध शून्य’ कार्बन अर्थव्यवस्था तथा ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ जैसी पहलों को और मजबूत करेगी एवं ‘चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था’ को बढ़ावा देकर भारत को त्वरित ‘हरित विकास’ के पथ पर आगे बढ़ाएगी।
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आज शनिवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने दुनिया की पेंशन योजनाओं को देखा, सितारों से सलाह ली। इसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को यूनी पीयर पेंशन योजना की सिफारिश देखने को मिली। आज इस योजना को मोदी की केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया है। इसके साथ ही वैष्णव ने कहा कि आने वाले समय में इस योजना को लागू किया जाएगा।