अमित शाह, फोटो (सो. सोशल मीडिया )
Black Forest Operation: देशभर में नक्सल विरोधी अभियान तेज किया जा रहा है। इसी क्रम में, गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले CRPF जवानों का सम्मान किया। उन्होंने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर CRPF, छत्तीसगढ़ पुलिस, DRG और कोबरा जवानों से मुलाकात की और उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
इस ऑपरेशन में 14 मई को महत्वपूर्ण सफलता हासिल मिली थी। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) में नक्सलवाद के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े अभियान में 31 कुख्यात नक्सलियों को समाप्त किया गया।
इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने भारत को नक्सलवाद से मुक्त करने के प्रयासों पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि जब भी भविष्य में नक्सल विरोधी अभियानों का इतिहास लिखा जाएगा, ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में जवानों की बहादुरी और अदम्य साहस को स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। चरम गर्मी, ऊंचाई और हर कदम पर IED जैसे खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने हिम्मत के साथ अभियान को सफल बनाया और नक्सलियों के मुख्य ठिकाने को समाप्त किया।
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah met and felicitated the soldiers of CRPF, Chhattisgarh Police, DRG and CoBRA Battalion who successfully carried out ‘Operation Black Forest’ on Karreguttalu Hill. Chhattisgarh Chief Minister Vishnu Deo Sai and Deputy Chief Minister… pic.twitter.com/HdfKz2mCQT
— ANI (@ANI) September 3, 2025
अमित शाह ने आगे कहा कि नक्सलियों ने देश के सबसे पिछड़े और संवेदनशील क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया, स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए और सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचने से रोक दिया। कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर स्थित नक्सलियों के मटेरियल डंप और आपूर्ति श्रृंखला को छत्तीसगढ़ पुलिस, CRPF, DRG और कोबरा बल के जवानों ने साहस और रणनीति के साथ नष्ट कर दिया।
इस अवसर पर अमित शाह ने दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण नहीं कर देते, पकड़े नहीं जाते या समाप्त नहीं हो जाते, वे चैन से नहीं बैठेंगे। उनका उद्देश्य भारत को पूर्ण रूप से नक्सलमुक्त बनाना है। नक्सल विरोधी अभियानों में गंभीर रूप से घायल हुए सुरक्षाबलों के जीवन को सामान्य ढंग से चलाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इन अभियानों के परिणामस्वरूप, पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक साढ़े 6 करोड़ लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। हमारा लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त किया जाए।
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कुर्रगुट्टालू पहाड़ नक्सलियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जहां PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC और CRC जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का संयुक्त मुख्यालय स्थित था। यहां नक्सलियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ हथियार और रणनीतियाँ तैयार की जाती थीं। सुरक्षाबलों ने इस सबसे बड़े अभियान को मात्र 21 दिनों में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।
देश को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए ऑपरेशन की गति बढ़ा दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी ऐलान किया था कि 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सली मुक्त बनाया जाएगा। इसी अभियान के तहत, कुर्रगुट्टालू पहाड़ में सुरक्षा बलों की कार्रवाई को नक्सली मुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।