सांकेतिक तस्वीर
emergency Ambulence Service: देशभर के राजमार्गों पर आपात स्थिति में दस मिनट के अंदर एंबुलेंस सेवा पहुंच सकेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने जीएसएम आधारित मोबाइल एप्लिकेशन (एंबुलेंस) स्थापित करने का निर्देश दिया है। इसके तहत आपातकालीन संख्या 108 के अतिरिक्त अब 112 फ्री आपातकालीन नंबर के तौर पर जारी किया जाएगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में तेलंगाना, यूपी, ओडिशा, हरियाणा, गुजरात समेत राज्यों में एम्बुलेंस सेवा 108 नंबर से दी जा रही है, लेकिन महिलाओं की मदद के लिए 102 नंबर, सड़क व ट्रैफिक नियमों पर निगरानी के लिए 1033 नंबर चल रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं में घायल अकसर इस उलझन में पड़ जाते हैं कि एंबुलेंस के लिए किस नंबर पर कॉल करें। वहीं, सहायता करने वाले भी पहले पुलिस को फोन करें या अस्पताल को सोच में पड़ जाते हैं। इसे देखते हुए एंबुलेंस सेवा के लिए अभी संचालित सभी अलग-अलग नंबरों को एकीकृत कर पूरे देश में एंबुलेंस सहायता के लिए आपातकालीन नंबर 112 शुरू किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में संचालित अलग-अलग पुलिस नंबरों 100, 108, 1033 और 112 के बीच सामंजस्य की कमी है। ऐसे में जब भी एंबुलेंस सेवा की बात होती है तो एक नंबर से दूसरे नंबर पर कॉल ट्रांसफर करने में ही समय गंवाया जाता है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. अशोक कुमार ने बताया कि कॉल नेटवर्क नहीं होने पर भी नंबर डायल हो सकेगा। इसका यह मतलब कि 112 आपातकालीन सेवा नंबर नहीं है। यह केवल एक नंबर है, जिसे मोबाइल कॉल नेटवर्क वाले क्षेत्र में सेवा दिलाने के लिए डायल किया जाएगा।
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अगर कोई दुर्घटना या अन्य आपातकाल के समय जब घटना स्थल पर पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है, ऐसे स्थिति में पुलिस और एंबुलेंस दोनों ही कमांड कंट्रोलर सभी अलग-अलग नंबरों को एक ही 112 नंबर के माध्यम से कॉल कर सकेंगे। इससे विभिन्न राज्यों में नंबर की अल्पता खत्म होगी और नियंत्रण कमांडर को पुलिस एवं एंबुलेंस सेवा तक त्वरित सूचना प्राप्त होगी।