असदुद्दीन ओवैसी (डिजाइन फोटो)
NCERT New Module: एनसीईआरटी के नए विशेष मॉड्यूल में भारत के विभाजन के लिए तीन लोगों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। इनमें कांग्रेस नेता मुहम्मद अली जिन्ना और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन शामिल हैं। अब इस पर AIMIM चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। जिस पर बवाल होना तय माना जा रहा है।
एनसीईआरटी के मॉड्यूल में कहा गया है कि विभाजन के लिए सबसे पहले ज़िम्मेदार जिन्ना थे, जिन्होंने इसकी मांग की; दूसरे- कांग्रेस, जिन्होंने इसे स्वीकार किया और तीसरे- माउंटबेटन, जिन्होंने इसे लागू किया। कक्षा 6 से 8 के लिए तैयार किए गए मॉड्यूल में ‘विभाजन के अपराधी’ शीर्षक वाले भाग में यह संदर्भ दिया गया है।
एनसीईआरटी मॉड्यूल में जवाहरलाल नेहरू का जुलाई 1947 का एक भाषण भी है, जिसमें लिखा है, ‘हम एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां हमें या तो विभाजन स्वीकार करना होगा या निरंतर संघर्ष और अराजकता का सामना करना होगा। विभाजन बुरा है, लेकिन एकता की कीमत चाहे जो भी हो, गृहयुद्ध की कीमत उससे कहीं ज़्यादा होगी।’
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विभाजन से जुड़ी किताब ‘मुस्लिम्स अगेंस्ट पार्टिशन’ को भी एनसीईआरटी में शामिल किया जाना चाहिए। ओवैसी ने इस किताब को इसलिए शामिल करने की मांग की है। ओवैसी के मुताबिक विभाजन को लेकर यह झूठ बार-बार बोला जाता है।
ओवैसी ने कहा है कि शम्सुल इस्लाम की किताब ‘मुस्लिम्स अगेंस्ट पार्टिशन’ को एनसीईआरटी में शामिल करें। उन्होंने कहा कि विभाजन को लेकर यह झूठ बार-बार बोला जाता है। जबकि उस समय 2-3% मुसलमानों को भी वोट देने का अधिकार नहीं था और आज लोग विभाजन के लिए हमें जिम्मेदार ठहराते हैं। लेकिन हम इसके लिए कैसे जिम्मेदार हैं? जो यहां से भाग गए, वे भाग गए और जो वफादार थे, वे यहीं रह गए।’
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आपको बता दें कि एनसीईआरटी ने दो अलग-अलग मॉड्यूल प्रकाशित किए हैं। एक मध्य स्तर यानी कक्षा 6 से 8 के लिए, जबकि दूसरा कक्षा 9 से 12 यानी माध्यमिक स्तर के लिए है। दोनों मॉड्यूल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2021 के संदेश से शुरू होते हैं, जिसमें ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने की घोषणा की गई है।
किताब में पीएम की एक्स पोस्ट का हवाला कहा गया है, “विभाजन का दर्द कभी नहीं भुलाया जा सकता। हमारे लाखों भाई-बहन बेवजह नफरत और हिंसा के कारण विस्थापित हुए और कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। 14 अगस्त को हमारे लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।”