AIMIM के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (फोटो- सोशल मीडिया)
Asaduddin Owaisi Demand J&K LG Resign: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर एलजी ने पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली है, तो उन्हें पद पर नहीं रहना चाहिए।
AIMIM के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से उनके इस्तीफे की मांग कर दी है। ओवैसी ने कहा कि जब उन्होंने खुद पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ले ली है, तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है। ओवैसी ने यह बयान महाराष्ट्र के नांदेड़ में पत्रकारों से बात करते हुए दिया।
ओवैसी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हमले में मारे गए लोगों से पहले उनका धर्म पूछा गया और फिर उन्हें इसलिए मार दिया गया क्योंकि वे हिंदू थे। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उपराज्यपाल इतने दुखी हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। ओवैसी ने यह भी कहा कि यह हमला ख़ुफ़िया तंत्र की बड़ी नाकामी का संकेत है।
संसद सत्र में केंद्र सरकार से जवाब मांगेंगे – ओवैसी
एआईएमआईएम नेता ने यह भी घोषणा की कि वह आगामी मानसून सत्र में संसद में इस हमले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूछेंगे कि जब कश्मीर घाटी में इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया जाता है, तो फिर आतंकवादी इतने अंदर कैसे घुस आए? हमला कैसे हुआ, हमलावर कहाँ से आए और पुलिस वहाँ क्यों नहीं थी? सरकार को इन सभी सवालों के जवाब देने होंगे।
ओवैसी ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
ओवैसी ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उस दिन पहलगाम में सुरक्षा की क्या स्थिति थी। उन्होंने कहा कि इस हमले ने साबित कर दिया कि ख़ुफ़िया तंत्र पूरी तरह से विफल रहा और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की भारी कमी थी। यह सिर्फ़ एक हमला नहीं, बल्कि एक गंभीर मामला है जो सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का पक्ष रखा – ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि वह एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया गए थे। वहां उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा और बताया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कैसे खड़ा है। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में भी बताया।
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इस हमले पर सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में
ओवैसी ने कहा कि अगर सरकार इस हमले की ज़िम्मेदारी से बचती है, तो यह शहीदों और उनके परिवारों के साथ अन्याय होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तो विपक्ष संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा। ओवैसी ने बयान के अंत में दोहराया कि मनोज सिन्हा को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।