अहमदाबाद प्लेन हादसे का सच आएगा बाहर, ब्लैक बॉक्स बरामद, ATS करेगी मामले की जांच
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में हुए भयावह प्लेन हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई। प्लेन में सवार सभी क्रू मेंबर्स सहित लगभग सभी यात्रियों की मौत हो गई है। हालांकि, इस हादसे में चमत्कारिक रूप से 40 वर्षीय भारतीय मूल के विश्वाश कुमार रमेश जिंदा बच गए। इस हादसे के बाद आज सुबह 8:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंच गए। हादसे का शिकार बोइंग विमान का एक ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है। वहीं दूसरे ब्लैक बॉक्स की तलाश अभी भी जारी है। अब इस बॉक्स की मदद से हादसे की असली वजह पता चलोगी। इसके साथ ही फ्लाइट का डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर दोनों मिल गए हैं।
इस दुखद हवाई हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हर बार की तरह, इस बार भी यह सवाल उठता है कि आखिर हादसा हुआ क्यों? इस रहस्य से पर्दा उठाने में “ब्लैक बॉक्स” की अहम भूमिका होती है। ब्लैक बॉक्स एक ऐसा यंत्र है, जो विमान के उड़ान से जुड़ी तमाम अहम जानकारियां रिकॉर्ड करता है। आइए जानते हैं कि ब्लैक बॉक्स कैसे विमान हादसे की सच्चाई सामने लाने में मदद करता है।
अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश के मामले में एटीएस को जांच सौंपी गई है। गौरतलब है कि घटना के पीछे साजिश का भी अंदेशा जताया गया था। आज सुबह एटीएस को घटना स्थल से डीवीआर मिला जिसे जब्त कर लिया गया है। इसकी जांंच की जाएगी। गुजरात एटीएस की टीम पूरे प्रकरण की पैरेलल जांच कर रही हैं।
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ब्लैक बॉक्स दरअसल दो डिवाइसेज का एक समूह होता है – फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)। इनका रंग नारंगी होता है ताकि किसी दुर्घटना के बाद मलबे में इन्हें आसानी से खोजा जा सके।
विमान के ब्लैक बॉक्स से हादसे से पहले की स्थिति का पता चलता है, जिससे यह जानकारी मिलती है कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी थी, पायलट की गलती थी या कोई बाहरी कारण। ब्लैक बॉक्स काफी मजबूत होता है और 1100 डिग्री सेल्सियस के तापमान, 6000 मीटर की समुद्री गहराई और भारी झटकों को सहन कर सकता है। साथ ही, यह 30 दिनों तक लगातार सिग्नल भेजता रहता है, जिससे इसे ढूंढने में मदद मिलती है।