Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Sonam Wangchuck |
  • Dussehra 2025 |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

वो घटना जिसने अहिल्याबाई होलकर को बना दिया न्याय की देवी, अपने ही बेटे को दे दिया था मृत्युदंड

मालवा की महारानी देवी अहिल्याबाई होलकर की आज जयंती है। उन्होंने हमेशा न्याय और प्रजा के हित के लिए काम किया। आइए जानते है उस घटना के बारे में जिसने अहिल्याबाई को न्याय की देवी बना दिया।

  • By आकाश मसने
Updated On: May 31, 2025 | 10:03 AM

अहिल्याबाई होलकर (सोर्स: सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

मालवा की महारानी देवी अहिल्याबाई होलकर को न्याय की प्रतिमूर्ति माना जाता हैं। अहिल्याबाई के शासनकाल में प्रजा सुख और शान्ति तथा समृद्धि से खुशहाल थी। उन्होंने हमेशा अपने राज्य और अपने लोगों को आगे बढ़ने का हौंसला दिया। आज यानी 31 मई को उनकी की जयंती है। आइए जानते है उनके ऐसे निर्णय के बारे में जिसने उन्हें न्याय देवी बना दिया…
स
अहिल्याबाई होलकर न्याय की ऐसी प्रतिमूर्ति है कि उन्होंने अपने बेटे को भी मृत्युदंड देने में संकोच नहीं किया। जैसे ही उन्हें एक घटना के बारे में पता चला, उन्होंने अपने बेटे के हाथ-पैर बांधकर रथ के नीचे कुचलने का आदेश दिया। लेकिन जब कोई सारथी रथ चलाने के लिए तैयार नहीं हुआ, तो महारानी अहिल्याबाई खुद सारथी बन गईं और रथ पर सवार हो गईं। इसके बाद जो हुआ, उसे जानकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी…

अहिल्याबाई ने क्याें सुनाई मृत्युदंड की सजा

एक बार अहिल्याबाई के बेटे मालोजी राव अपने रथ पर सवार होकर राजवाड़ा के पास से गुजर रहे थे। उसी समय सड़क के किनारे एक गाय का छोटा बछड़ा भी खड़ा था। जैसे ही मालोजी राव का रथ वहां से गुजरा, अचानक उछलता हुआ बछड़ा रथ के नीचे आ गया और बुरी तरह घायल हो गया। थोड़ी देर बाद वहीं तड़प-तड़प कर मर गया। इस घटना को नजरअंदाज करते हुए मालोजी राव आगे बढ़ गए। इसके बाद गाय अपने बछड़े की मौत पर वहीं बैठ गई। वह अपने बछड़े को छोड़ नहीं रही थी।

डर के मारे किसी ने नहीं लिया अहिल्याबाई के बेटे का नाम

इस घटना के कुछ देर बाद अहिल्याबाई भी वहां से गुजर रही थीं। तभी उन्होंने बछड़े के पास बैठी एक गाय को देखा तो वे रुक गईं। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बछड़े के मरने की बात तो बताई लेकिन लेकिन कोई भी यह बताने को तैयार नहीं था कि मौत कैसे हुई। आखिर में किसी ने डरते हुए उन्हें बताया कि बछड़ा मालोजी राव के रथ से टकराकर मर गया।

इस घटना को जानने के बाद अहिल्या ने मालोजी की पत्नी मेनाबाई को दरबार में बुलाया और पूछा कि अगर कोई व्यक्ति किसी की मां के सामने उसके बेटे मार दे तो उसे क्या सजा दी जानी चाहिए? मेनाबाई ने तुरंत जवाब दिया कि उसे मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।

इसके बाद महारानी अहिल्याबाई होलकर ने आदेश दिया कि उनके बेटे मालोजी राव के हाथ-पैर बांध दिए जाएं और उसे उसी तरह रथ से कुचलकर मृत्युदंड दिया जाए जिस तरह गाय के बछड़े की मौत हुई थी।

देवी अहिल्याबाई अपने बेटे की जान लेने के लिए खुद रथ पर चढ़ गईं

इस आदेश के बाद कोई भी उस रथ का सारथी बनने को तैयार नहीं हुआ। जब उस रथ की लगाम कोई नहीं संभाल रहा था, तब अहिल्याबाई स्वयं रथ पर आकर बैठ गईं। जब वे रथ को आगे बढ़ा रही थीं, तब एक ऐसी घटना घटी, जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। वही गाय रथ के सामने आकर खड़ी हो गई।

अहिल्याबाई के आदेश के बाद जब उस गाय को हटाया गया, तो वह बार-बार रथ के सामने आकर खड़ी हो जाती। दरबार के मंत्रियों ने रानी से निवेदन किया कि यह गाय भी नहीं चाहती कि ऐसी घटना किसी और मां के बेटे के साथ घटे। इसलिए यह गाय भी दया की मांग कर रही है। गाय अपनी जगह पर ही रही और रथ वहीं अटका रहा। राजबाड़ा के पास जिस स्थान पर यह घटना हुई, उसे आज सभी लोग ‘आड़ा बाजार’ के नाम से जानते हैं।

Ahilyabai holkar jayanti for justice she sentenced her own son to death

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: May 31, 2025 | 07:05 AM

Topics:  

  • Ahilyabai Holkar
  • Birth Anniversary
  • Indian History
  • Madhya Pradesh

सम्बंधित ख़बरें

1

Cough Syrup Death Case: दो साल से छोटे बच्चों को न दें कफ सिरप, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

2

खुशियां विसर्जित! खंडवा में दुर्गा विसर्जन बना मौत का मंजर, जानें कैसे डैम में डूब गईं 11 जिंदगियां

3

खंडवा में दुखदाई हुआ दशहरा, दुर्गा विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा; तालाब में पलटा ट्रैक्टर, 11 की मौत

4

‘राष्ट्रपिता’ नहीं हैं महात्मा गांधी…RTI से हुआ बड़ा खुलासा, आखिर सरकार ने क्यों नहीं दी ये उपाधि?

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.