Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Asia Cup 2025 |
  • Rahul Gandhi |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • World News |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

‘INDIA’ से ‘आप’ का किनारा..डूबते को तिनके का सहारा, यह है केजरीवाल की नई रणनीति?

Aam Aadmi Party: 'आप' सांसद संजय सिंह के इकबालिया बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ने इंडिया ब्लॉक से बाहर होने का ऐलान क्यों किया और इसके पीछे केजरीवाल की क्या रणनीति है?

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Jul 20, 2025 | 06:23 PM

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी ने साफ कह दिया है कि अब हम इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने साफ़ कहा है कि इंडिया ब्लॉक लोकसभा चुनाव के लिए था और उसके बाद हमने हरियाणा और दिल्ली, पंजाब और गुजरात उपचुनाव अकेले लड़े। हम इंडिया ब्लॉक से बाहर हैं।

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा पिछले 10 सालों से ‘जीजाजी-जीजाजी’ चिल्ला रही है, लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुँचे। यह भाजपा की नाकामी है। संजय सिंह ने इंडिया ब्लॉक से बाहर होने और इस गठबंधन के घटक दलों के साथ समर्थन के आदान-प्रदान की भी बात की। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हम संसदीय मुद्दों पर टीएमसी-डीएमके जैसी पार्टियों से समर्थन लेते हैं और उनका समर्थन भी करते हैं।

इस दौरान संजय सिंह ने प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधने से परहेज़ किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरा। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ने इंडिया ब्लॉक से बाहर होने का ऐलान क्यों किया और इसके पीछे क्या रणनीति है?

क्या है केजरीवाल की नई रणनीति?

आम आदमी पार्टी द्वारा इंडिया ब्लॉक से बाहर होने की औपचारिक घोषणा को विपक्षी खेमे में बदलते समीकरण और रणनीतिक संतुलन का संकेत भी माना जा रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार का आम आदमी पार्टी के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। दिल्ली और पंजाब के बाद अन्य राज्यों में विस्तार की रणनीतिक गति भी धीमी पड़ गई है। दिल्ली की हार ने आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया।

सिर्फ एक राज्य में बची है सरकार?

जब आम आदमी पार्टी इंडिया ब्लॉक में शामिल हुई थी, तब उसकी दो राज्यों, यानी केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पंजाब में सरकार थी। अब, जब वह बाहर हो गई है, तो पार्टी केवल एक राज्य, पंजाब, में सत्ता में है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी, दोनों ने अपना पूरा ध्यान पंजाब में सत्ता बरकरार रखने के लिए विस्तार करने के बजाय संगठन को मजबूत करने पर लगाया है।

क्या है ‘आप’ की पहली प्राथमिकता?

इस सीमावर्ती संवेदनशील राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के कारण आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति थी। पंजाब में 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली में हार के बाद, आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता भगवंत मान की सरकार के खिलाफ पांच साल की सत्ता विरोधी लहर को दूर करना और अपना एकमात्र किला बचाना है।

अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान (सोर्स- सोशल मीडिया)

पंजाब चुनाव को आम आदमी पार्टी के भविष्य की दिशा भी माना जा रहा है। अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली चुनाव के बाद से पंजाब में सक्रिय हैं और पार्टी नहीं चाहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ गठबंधन लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी उसके लिए नुकसानदेह साबित हो।

पंजाब में कांग्रेस ने पहुंचाया नुकसान!

लोकसभा चुनाव में पंजाब के दोनों प्रतिद्वंद्वी इंडिया ब्लॉक में थे, लेकिन राज्य में वे एक-दूसरे के खिलाफ खड़े थे। तब कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से सात सीटें जीती थीं और सत्तारूढ़ पार्टी केवल तीन सीटें ही जीत पाई थी। आम आदमी पार्टी ने तब सभी 13 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था।

यह भी पढ़ें: INDIA ब्लॉक के अस्तित्व पर सवाल! अकेले पड़ी कांग्रेस मतभेद मिटाने में जुटी

पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ऐसे चुनाव परिणामों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेता भी लगातार कह रहे थे कि पंजाब की राजनीति के लिए यह जरूरी है कि पार्टी कांग्रेस से अलग खड़ी दिखे।

गुजरात में ‘आप’ को मिले कांग्रेसी वोट!

2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था। आम आदमी पार्टी तब केवल पाँच सीटें ही जीत पाई थी, लेकिन उसका वोट शेयर 13.1 प्रतिशत था। नतीजा यह हुआ कि 2017 के चुनावों में 42.2 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2022 में सिर्फ़ 17 सीटों पर सिमट गई और उसका वोट शेयर भी 14.5 प्रतिशत घटकर 27.7 प्रतिशत रह गया।

अरविंद केजरीवाल व गोपाल इटालिया (सोर्स- सोशल मीडिया)

भाजपा का वोट शेयर 2017 के 50 से 3.3 प्रतिशत बढ़कर 2022 में 53.3 प्रतिशत हो गया। ज़ाहिर है, आम आदमी पार्टी को उन्हीं मतदाताओं के वोट मिले जो कांग्रेस को मिलते थे। आम आदमी पार्टी ने पिछले महीने गुजरात में विसावदर उपचुनाव जीतकर यह सीट बरकरार रखी।

…तो इसलिए ‘आप’ ने अलग कर ली राह?

इस जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बनने की उम्मीद लगाए बैठी है। इसके लिए ज़रूरी है कि पार्टी कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा पर भी उतनी ही आक्रामक हो और इंडिया ब्लॉक में रहते हुए ऐसा करना उसके लिए आसान नहीं होता। आम आदमी पार्टी अगर कांग्रेस को निशाना बनाती भी तो इंडिया ब्लॉक से जुड़े होने के कारण जनता तक पहुंचते-पहुंचते उसकी धार कुंद हो जाती।

यह भी पढ़ें: प्रधान-यादव पर RSS असहमत, UP में योगी-शाह के बीच फंसा पेच! कौन होगा BJP अध्यक्ष?

अन्ना हज़ारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उभरी आम आदमी पार्टी का जन्म लोगों को कांग्रेस और भाजपा का एक राजनीतिक विकल्प देने के विचार से हुआ था। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के इंडिया ब्लॉक में शामिल होने से भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी का उसका सिद्धांत कमज़ोर पड़ गया।

दिल्ली में हार का कारण बना गठबंधन!

2013 के दिल्ली चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाने का एक उदाहरण पहले ही मौजूद था। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के पीछे एक कारण अरविंद केजरीवाल का लोकसभा चुनाव में गठबंधन भी बताया जा रहा है। राष्ट्रीय योजना की विफलता के बाद, अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने अब ‘एकला चलो’ का नारा दिया है, इसलिए जड़ों की ओर लौटने और स्थानीय फोकस की पुनरुद्धार रणनीति को भी इसके पीछे का कारण माना जा रहा है।

पंजाब-गुजरात की मजबूरी बनी वजह-ए-दूरी

यह भी कहा जा रहा है कि पंजाब-गुजरात की मजबूरी के कारण आम आदमी पार्टी कांग्रेस से दूर दिखना चाहती है और वह भाजपा के साथ नहीं जा सकती। केंद्र में भाजपा की सरकार है और वह विपक्ष की राजनीति में पीछे नहीं दिखना चाहेगी। ऐसे में भले ही वह इंडिया ब्लॉक में न होकर भी उसके साथ जाएगी। हां, उसकी एक रणनीति यह हो सकती है कि वह सार्वजनिक रूप से कांग्रेस के साथ मंच साझा न करे।

Aap exits india bloc kejriwal new strategy before elections revealed

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jul 19, 2025 | 10:36 AM

Topics:  

  • Aam Aadmi Party
  • Arvind Kejriwal
  • BJP
  • Congress
  • INDIA Alliance

सम्बंधित ख़बरें

1

“सूर्योदय के साथ होगी ‘बचत उत्सव’ की शुरुआत,” राष्ट्र के नाम संबोधन में PM मोदी का बड़ा ऐलान

2

‘PM मोदी हुए फेल…’ H-1B वीजा को लेकर भड़का विपक्ष, जमकर लताड़ा

3

मोदी के समर्थन में उतरे लालू के लाल, तेजस्वी यादव के खिलाफ खोला मोर्चा, महागठबंधन की बढ़ी टेंशन!

4

वायनाड में घिरीं प्रियंका गांधी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ही उठाए सवाल, पार्टी पर गहराया संकट!

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.