प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
DGCA RTI Report: आरटीआई में हुए खुलासे में कई बातें निकलकर सामने आई हैं। 65 बार इंजन फेल होने की घटनाओं के साथ-साथ पिछले 17 महीनों में 11 मेडे कॉल (Mayday Call) भी दर्ज की गईं जो विमानन संकट की बेहद गंभीर स्थिति को दिखाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया में उड़ान के दौरान इंजन फेल होना पूरी तरह से असामान्य नहीं है लेकिन भारत में इन घटनाओं का बारबार दोहराया जाना चिंता का विषय है। इन घटनाओं के पीछे कई तकनीकी कारणों को जिम्मेदार माना गया है।
डीजीसीए के आरटीआई जवाब में ये बात पुख्ता होती है कि इंजन फेल टैक ऑफ के समय और उड़ान भरने के दौरान हुए हैं। डीजीसीए ने बताया कि साल 2020 से 2025 तक पूरे भारत में उड़ान के दौरान इंजन बंद हो जाने की कुल 65 घटनाएं हुई हैं। इस रिपोर्ट में 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त बोइंग ड्रीमलाइनर और 19 जून को इंडिगो की गुवाहाटी-चेन्नई फ्लाइट को शामिल नहीं किया गया है।
DGCA के अनुसार भारत में उड़ान के दौरान इंजन फेल होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष की मानें तो इंजन बंद होने के बड़े कारणों में ईंधन फिल्टर का शटडाउन होना, ईंधन में पानी मिल जाना, इंजन स्टैक, सेंसर्स या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में गड़बड़ी और ईंधन आपूर्ति में रुकावट हो सकते हैं। ये तकनीकी समस्याएं उड़ान के दौरान इंजन को बंद करने के लिए मजबूर कर देती हैं जिससे विमान खतरे में पड़ सकता है।
RTI के अनुसार पिछले 17 महीनों में 11 मेडे कॉल (Mayday Call) भी दर्ज किए गए। मेडे कॉल एक आपातकालीन अलर्ट है जो पायलट की ओर से तब जारी किया जाता है जब स्थिति अत्यधिक गंभीर हो जैसे इंजन पूरी तरह से फेल हो जाए विमान में आग लग जाए या ईंधन समाप्त होने की स्थिति उत्पन्न हो। यह कोई सामान्य चेतावनी नहीं होती बल्कि यह संकेत देता है कि विमान और यात्रियों की जान को तत्काल खतरा है।
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आपको बता दें कि हाल ही में 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया था। क्रैश की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में इंजन के बंद होने की तरफ ही इशारा किया गया था।