प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
Food Poisoning in Govt. School: महात्मा ज्योतिबा फुले बीसी बालिका गुरुकुल स्कूल की 64 छात्राएं रात का भोजन करने के बाद उल्टी, पेट दर्द और चक्कर आने की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराई गईं। रविवार सुबह तक इस संख्या में और इजाफा हो गया। 20 और छात्राओं को भी अस्पताल ले जाया गया।
छात्राओं की मानें तो रात के भोजन में उन्हें बैंगन-आलू की सब्जी दी गई थी जबकि दोपहर के खाने में परोसी गई दही से दुर्गंध आ रही थी। इसके बाद शाम को नाश्ते में पकौड़े दिए गए थे। खाना खाने के कुछ देर बाद ही कई छात्राओं को बेचैनी का अनुभव होने लगा जिसके बाद हड़कंप मच गया।
विद्यालय प्रशासन ने फौरन सभी बीमार छात्राओं को नागरकुरनूल के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि सभी छात्राएं अब ठीक हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खाने के सैंपल लैब में जांच के लिए भेज दिए गए हैं जिससे ये स्पष्ट हो सके कि इस घटना का कारण क्या था। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय आरडीओ, तहसीलदार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। स्कूल की प्रधानाचार्या भी छात्राओं की देखरेख में लगातार मौजूद रहीं।
इस घटना के बाद से अभिभावकों में भारी नाराजगी है। कई अभिभावक ने स्कूल प्रशासन पर भोजन में लापरवाही का आरोप लगाया है। अभिभावक ने कहा, “हम अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस तरह की लापरवाही माफ नहीं की जा सकती। स्कूल को खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए।”
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तहसीलदार श्रीनिवास राव ने कहा कि स्कूल की रसोई और भोजन की गुणवत्ता की जांच शुरू कर दी गई है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा विभाग को भी सक्रिय किया है और विद्यालय परिसर की जांच के आदेश दिए हैं। नागरकुरनूल पुलिस ने भी मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच प्रारंभ कर दी है। बीमार पड़े बच्चों के अभिभावक स्कूल प्रशासन से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस घटना ने आवासीय विद्यालयों में भोजन की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं।