पूर्व पीएम मनमोहन सिंह. सुशील मोदी, बाबा सिद्दीकी फोटो
नवभारत डेस्क : साल 2024 भारतीय राजनीति के लिए कई महत्वपूर्ण क्षतियों का गवाह बना। इस वर्ष देश ने कई ऐसे कद्दावर नेताओं को खो दिया, जिन्होंने दशकों तक अपनी राजनीतिक सूझबूझ से जनता की सेवा की और देश की राजनीति को नई दिशा दी। अभी हाल ही में 26 दिसंबर 2024 को भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन 92 वर्ष की आयु में हो गया। डॅा. सिंह के निधन से देश को एक बड़ी क्षति पहुंची है।
इन्ही के साथ ही बिहार की राजनीति में बड़ा चेहरा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का भी निधन इसी साल हो गया।
आइए जानते हैं इस साल और भारत ने अपने कितने राजनेताओं को खो दिया।
भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को 92 साल की आयु में निधन हो गया। डॉक्टरों के अनुसार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रेस्पिरेटरी डिजीज से जूझ रहे थे। दरअसल यह बीमारी सांस से जुड़ी बीमारी है। बता दें कि जब किसी इंसान को रेस्पिरेटरी डिजीज होती है तो उसे सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगती है। इस बीमारी में सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। वह पिछले कई सालों से अपने इस बीमारी से जूझ रहे थे।
मनमोहन सिंह भारत के 14वें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री का पद संभाला। मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने और उसमें नई जान फूंकने के लिए जाना जाता है।
बता दें कि मनमोहन सिंह अपने बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए अपने 10 साल के कार्यकाल में उन्होंने कई ऐसे बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए जिनमें शिक्षा का अधिकार (RTE), सूचना का अधिकार (RTI), मनरेगा योजना समेत तमाम कई ऐसे बड़े फैसले हैं, जो उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए लिए।
इसके अलावा उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार के नए रिकॉर्ड कायम किए थे। 2008 की आर्थिक मंदी के झटकों से भी उन्होंने अर्थव्यवस्था को उबारा था। प्रधानमंत्री रहते हुए करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का श्रेय भी डॉ मनमोहन सिंह को दिया जाता है।
बिहार की राजनीति में बड़ा चेहरा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का इस साल निधन हो गया। साल 2005 से 2020 तक बिहार के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी का 13 मई 2024 को 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। उनका जाना भाजपा और राज्य के राजनीतिक ढांचे के लिए एक बड़ा झटका था।
इस साल महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी हत्या विशेष रूप से चौंकाने वाला घटना में से एक थी। बाबा सिद्दीकी चार बार कांग्रेस से विधायक रहे, जिन्होंने बाद में एनसीपी ज्वाइन कर ली थी। 12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या की गई थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ही महाराष्ट्र की राजनीति से एक बड़ा नेता चला गया।
कांग्रेस पार्टी को इस साल अपने नेताओं को लेकर कई बड़े झटके लगे। इन्हीं में से एक कांग्रेस पार्टी के अनुभवी नेता रहे नटवर सिंह का 10 अगस्त 2024 को निधन हो गया। राजनीति में कदम रखने से पहले नटवर सिंह ने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में एक प्रतिष्ठित करियर बनाया था। यूपीए की पहली सरकार में उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं। एक कुशल राजनयिक और राजनेता के रूप में उनके दशकों के अनुभव ने भारतीय राजनीति को समृद्ध और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वहीं, इस साल एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का भी निधन हो गया। येचुरी पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद थे। वह अपनी पार्टी (CPIM) के महासचिव के रूप में कार्य कर चुके थे। 12 सितंबर 2024 को 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। येचुरी को वामपंथी नीतियों की वकालत और भारत में राजनीतिक विमर्श में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।
साल 2024 भारतीय राजनीति के लिए एक भावनात्मक और शून्य से भरा वर्ष रहा। इस साल हमने ऐसे कई दिग्गज नेताओं को खो दिया, जिन्होंने अपने विचारों, निर्णयों और अथक प्रयासों से देश और समाज को नई दिशा दी। इन नेताओं का योगदान और उनकी उपलब्धियां राजनीति के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेंगी। उनके जाने से राजनीतिक गलियारों में जो खालीपन पैदा हुआ है, उसे भर पाना शायद कभी संभव नहीं होगा। आने वाली पीढ़ियां इन नेताओं के विचारों और आदर्शों से प्रेरणा लेती रहेंगी।