निशिकांत दुबे, रवि किशन, सुप्रिया सुले (फोटो- सोशल मीडिया)
Sansad Ratna: राजधानी दिल्ली में शनिवार को संसद रत्न से 17 सांसदों को सम्मानित किया गया। इसमें लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अलग-अलग पार्टियों के सांसद शामिल हैं। संसद रत्न के लिए सभी सांसदों को मई में चुना गया था। अब इन्हें लोकसभा में एक कार्यक्रम आयोजित कर संसद रत्न दिया गया है। संसद रत्न पाने वालों में प्रमुख नाम रवि किशन, निशिकांत दुबे और सुप्रिया सुले का है।
संसद रत्न पाने वालों में सबसे अधिक 7 सांसद महाराष्ट्र के हैं। इसमें भाजपा, एनसीपी शरद, कांग्रेस और शिवसेना के सांसद शामिल हैं। सांसद रत्न पाने वाले सभी सांसदों ने 16 वीं लोकसभा के बाद लगातार अपना सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन जारी रखा है।
संसद रत्न पाने वालों में भाजपा से रवि किशन, निशिकांत दुबे, भर्तृहरि महताब, स्मिता उदय वाघ, मेधा कुलकर्णी, प्रवीण पटेल, बिद्युत बरन महतो और दिलीप सौकिया शामिल हैं। वहीं एनसीपी शरद गुट से सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं। वहीं कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ और चरणजीत सिंह चन्नी का नाम शामिल है। संसद रत्न पाने वालों में क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के इकलौते सांसद के एनके प्रेमचंद्रन का भी नाम शामिल है।
आज नई दिल्ली में 15वें संसद रत्न पुरस्कार समारोह में सम्मिलित हुआ। इस अवसर पर माननीय सांसद एवं जूरी समिति के सह-अध्यक्ष श्री @BhartruhariM जी; संसद रत्न पुरस्कार समिति के संस्थापक एवं चेयरमैन श्री के. श्रीनिवासन जी; राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री @ahir_hansraj… pic.twitter.com/uEbN6qib9t
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) July 26, 2025
संसद रत्न में अलग-अलग कैटगरी में अवार्ड दिया जाता है। 4 सांसदों को स्पेशल ज्यूरी अवार्ड मिला है। इनमें BJP के भर्तृहरि महताब, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन, NCP शरद गुट की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं। कमेटी कैटेगरी में, भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
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संसद रत्न प्राइम पॉइंट फाउंडेशन की ओर से उन सांसदों को दिया जाता है जो संसद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसकी चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी मानी जाती है। विजेताओं का चयन एक जूरी के सदस्य संसद में उनके किए गए कार्यों के आधार पर करते हैं। जूरी की कमेटी की अध्यक्षता इस राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने की थी। संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2010 में हुई थी।