छोटी उम्र के बच्चों में हो रहा है मोटापा और डायबिटीज (सौ. सोशल मीडिया)
Health News in Hindi: आजकल की लाइफस्टाइल पहले से बिल्कुल अलग होती जा रही है। बदलती लाइफस्टाइल में अनुचित खानपान और भरपूर नींद नहीं ले पाने की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं होती है। बड़ों में गंभीर समस्याओं का होना तो आम बात हो गई है लेकिन छोटे बच्चों में भी मोटापा और डायबिटीज के मामले मिल रहे है। बच्चों में 6 साल की उम्र में ओवासिटी और 10 साल तक टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क गंभीर चिंता का कारण बन रहा है तो वहीं पर इसका समाधान खोज पाना मुश्किल होता है। आखिर छोटे बच्चों को गंभीर समस्याएं क्यों चपेट में ले रही है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
पहले जहां पर बच्चों के पास खाने के ज्यादा विकल्प नहीं होते तो बच्चे पौष्टिक आहार का सेवन कर लेते थे लेकिन अब बच्चे पोष्टिक आहार का सेवन करने से दूरी बनाने लगे है। बच्चे जंक फूड, प्रोसेस्ड स्नैक्स, और शुगर वाले ड्रिंक्स का सेवन कर रहे है। इसका असर सीधा उनकी सेहत पर पड़ रहा है। इसके अलावा पहले बच्चे स्कूल से आने के बाद खेलने चले जाते थे। इसके साथ ही पढ़ाई पर भी बहुत ध्यान देते थे। वहीं पर आजकल बच्चों से लेकर युवाओं में फिजिकल एक्टिविटीज की कमी है। कई परिवारों में माता-पिता की व्यस्तता के कारण घर का हेल्दी खाना कम और बाहर का फास्ट फूड ज्यादा हो गया है। इसका असर सेहत पर पूरी तरह से होता है।
आपको बताते चलें कि, ओवासिटी और डायबिटीज जैसी बीमारियों के चपेट में आने से बच्चों के शरीर और दिमाग पर असर पड़ता है। पीड़ित बच्चे इन समस्याओं से घिरने के कारण अपना सेल्फ-कॉन्फिडेंस खो सकते हैं और सोशल आइसोलेशन महसूस कर सकते हैं। पहले युवा और बुजुर्गो में टाइप 2 डायबिटीज की समस्या होती रही है वहीं पर अब बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम्स और इंसुलिन रिसिस्टेंस का रिस्क बढ़ा रही है. लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर किडनी, आंखें और नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर बच्चों को मोटापा या डायबिटीज की समस्या से बचाना है तो हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा बताई जा रही हेल्थ सलाह को मानना जरूरी है।
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यहां पर आपको बच्चे के लिए यह ध्यान देना जरूरी है कि, उन्हें लाइफस्टाइल और ईटिंग हैबिट्स सुधारनी चाहिए। इसके अलावा सरकार और हेल्थ ऑर्गनाइजेशन्स को स्कूलों में फ्री हेल्थ चेक-अप्स और न्यूट्रिशन प्रोग्राम्स शुरू करने चाहिए। बच्चों को आउटडोर प्ले और कम टेक यूज के लिए प्रोत्साहित करना लॉन्ग-टर्म में फायदे देगा।