बच्चों में हार्ट अटैक की बीमारी (सौ. सोशल मीडिया)
Childhood Hearth Problems: दुनियाभर में बड़ी बीमारियों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है इसमें ही सबसे आम बीमारी हार्ट अटैक है। इस बीमारी के मामले आए दिन सामने आते है। पहले दिल की बीमारी का खतरा सिर्फ बुजुर्गों में था अब युवाओं और बच्चों में भी इसके चौंकाने वाले मामले मिलने लगे है। 7 साल के बच्चों में हार्ट अटैक आने के मामले पहले सामने आ चुके है जो बीमारी के प्रति अलर्ट रहने का इशारा करता है। ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या का असर मासूम बच्चों में दिखने लगा है। इसे लेकर एक स्टडी भी आई है चलिए जानते है इसके बारे में।
यहां पर अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) की रिपोर्ट में प्रकाशित स्टडी में बताया कि, अगर किसी बच्चे में 7 साल की उम्र की उम्र में बीपी की समस्या बढ़ती है तो स्वास्थ्य के मामले में उसे 50 साल तक कई बीमारिया का खतरा और मौत सताती है। स्टडी में यह भी बताया है कि, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों समय को लंबे समय तक ट्रैक किया गया. इससे पहले की स्टडी में यह बताया गया था कि अगर किसी को 12 साल की उम्र में बीपी की समस्या होती है, उसके उम्र बढ़ने के साथ दिल की बीमारी का खतरा हो सकता है।
बच्चों में हार्ट अटैक की बीमारी का खतरा दरअसल बच्चों में कई आदतों से बढ़ सकता है। बचपन से ही अनहेल्दी लाइफस्टाइल (ज्यादा जंक फूड, मोबाइल-टीवी पर घंटों बैठना, कम शारीरिक गतिविधि) होने के कारण दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। मोटापा और बीपी की समस्या बच्चों में जेनिटिक या कॉनजेनिटल हार्ट प्रॉब्लम्स की वजह से होती हैं। इस समस्या में कम उम्र में ही बच्चों को हाई बीपी की समस्या हो सकती है।
छोटी उम्र में हाइपरटेंशन की बीमारी के इलाज के लिए सबसे पहले उसके लक्षणों की पहचान की जाने जरूरी है।
थोड़ी सी एक्टिविटी के बाद सांस फूलना
खेलने या दौड़ने पर जल्दी थक जाना
बार-बार सीने में दर्द या असुविधा
होंठ या त्वचा का नीला पड़ना (कम ऑक्सीजन सप्लाई का संकेत)
तेज धड़कनें
वजन सही से न बढ़ना या बार-बार कमजोरी लगना
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लक्षणों को पहचानने के बाद आप बचाव कर सकते है। बच्चों को हेल्दी डाइट दें और कोशिश करें कि उनकी डाइट से जंक फूड और ज्यादा चीनी कम हो।इसके अलावा अगर फैमिली हिस्ट्री है तो समय-समय पर डॉक्टर से हार्ट चेकअप कराना चाहिए।