स्टडी का दावा- दिल के लिए ठीक नहीं है ज्यादा गर्मी, इस तरह से करें खुद का बचाव
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी में दावा किया गया है तापमान के बढ़ने और जलवायु परिवर्तन का असर दिल और मस्तिष्क पर ज्यादा होता है इसलिए ज्यादा गर्मी के प्रकोप में नहीं रहना चाहिए।
Climate Change Effects on Heart Health : गर्मी का तापमान अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है इस मौसम में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या बन गया है। यहां पर बदलते मौसम के साथ तापमान बढ़ जाता है तो वहीं पर पर्यावरण और सेहत पर बुरा असर देखने के लिए मिलता है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी में दावा किया गया है तापमान के बढ़ने और जलवायु परिवर्तन का असर दिल और मस्तिष्क पर ज्यादा होता है इसलिए ज्यादा गर्मी के प्रकोप में नहीं रहना चाहिए। चलिए जानते है स्टडी में और क्या-क्या कहा गया। वहीं पर जलवायु परिवर्तन से पनपी बीमारियों से बचने के उपाय जानते है।
जानिए क्या कहती है स्टडी
यहां ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड ने स्टडी पेश की है जिसके तहत तापमान के बढ़ने और शरीर पर इसके असर को बताया है। गर्मी के मौसम में या जलवायु परिवर्तन की वजह से शरीर हमारा ज्यादा गर्म हो जाता है वह इतना गर्म तापमान सहन नहीं कर पाता है। जितना पानी पी लिया जाए शरीर को आसानी से ठंडा नहीं कर पाता है। इस खतरनाक स्थिति की वजह से ब्लड प्रेशर भी बढ़ने की संभावना रहती है।
दिल की बीमारी और हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसे लेकर भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल ज्यादा गर्मी पड़ने की आशंका जताई है. मार्च में ही कई हिस्सों में तापमान बढ़ा हुआ है. ओडिशा, छत्तीसगढ़ के कई जिलों में तो मार्च में ही तापमान 40 डिग्री के आसपास बना हुआ है।
गर्मी में बढ़ जाते है दिल के मामले
आपको बताते चलें कि, गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने से दिल की बीमारियां बढ़ने लगती है। इस मौसम में आने वाले 25 सालों में हार्ट डिजीज के तीन गुना तक बढ़ सकते हैं. क्योंकि देश में हार्ट से जुड़े मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में जलवायु परिवर्तन से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है। जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी का तापमान बढ़ने लगते है।