मंकीपॉक्स वायरस (सौ.सोशल मीडिया)
Mpox Alert in India: दुनियाभर में दहशत फैलाने के बाद मंकीपॉक्स वायरस अब भारत में तहलका मचा रहा है। इस वायरस के दो मामले मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर आ गया है इसे लेकर ही बीते दिन सभी राज्यों के लिए एमपॉक्स से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की है। इसके अनुसार, चिट्ठी लिखकर सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि, वे वायरस के प्रति जागरुक रहकर दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आपको बताते चलें कि, एमपॉक्स वायरस का नया स्ट्रेन क्लेड 1B का एक मामला भारत में केरल से सामने आया था जिसके साथ पुष्टि हुई थी मंकीपॉक्स वायरस देश में एंट्री ले चुका है। बताया जा रहा है कि, केरल का यह 38 वर्षीय शख्स दुबई से लौटा था जिसमें लक्षण मिलने के बाद उसे आइसोलेशन में रखा गया था जांच में पुष्टि की गई इसके साथ ही इलाज चल रहा है।
आपको बताते चलें कि, एमपॉक्स वायरस का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद भारत में सतर्कता बरती जा रही है इसके चलते ही सभी राज्यों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह गाइडलाइन दी जिसका पालन करना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि,राज्य और जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सार्वजनिक स्वास्थ्य की तैयारी की समीक्षा वरिष्ठ अधिकारी ही करें।
1- सभी संदिग्ध मंकीपॉक्स के मामलों को आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए, इसके साथ ही सख्त संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण उपायों को लागू किया जाना चाहिए निर्देशों का सही से पालन करना जरूरी है।
2-अस्पताल से जो मामले एमपॉक्स के संदिग्ध या पुष्टि किए वाले मिल रहे है उनका उचित आइसोलेशन किया जाए।
3-आवश्यक लॉजिस्टिक्स और ऐसे सुविधाओं में प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता और संवर्धन योजना लागू करना जरूरी है।
4-अगर किसी व्यक्ति में एमपॉक्स के लक्षण नजर आ रहे है तो मरीज के त्वचा के घावों से नमूने तुरंत जांच के लिए भेजे जाना चाहिए अगर परिणाम पॉजिटिव आता है तो उनके नमूने क्लेड निर्धारित करने के लिए ICMR-NIV को भेजे जाने चाहिए।
5-मंकीपॉक्स के मामले में रोबस्ट डायग्नोस्टिक परीक्षण क्षमता पहले से मौजूद है इसका पालन करना चाहिए। इसके लिए ICMR द्वारा समर्थित 36 प्रयोगशालाएं और तीन व्यावसायिक PCR किट हैं, जो ICMR द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. इन्हें CDSCO ने भी अनुमोदित कर दिया है।
6-केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय स्थिति की निकटता से निगरानी करता रहेगा. इस संबंध में राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को सभी आवश्यक समर्थन प्रदान करेगा।
इन सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए ही एमपॉक्स के खतरे को कम किया जा सकता है इस पर ध्यान सभी राज्यों और जिलों को रखना है।