हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को लेकर करती है अलर्ट (सौ. सोशल मीडिया)
Eye Alert for Diabetes: भागदौड़ भरी जिंदगी में कई तरह की बीमारियां बढ़ती जा रही है। कई बीमारियों का पता लक्षण देखकर लगा लेते है तो कई बीमारियों के लक्षण भी नजर नहीं आते है। हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी इन बड़ी बीमारियों में से एक होती है। इस बीमारी में शुरुआत में मरीज को कोई दिक्कत महसूस नहीं होती और यह समय के साथ खतरनाक होती जाती है।
आंखें इस हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को लेकर अलर्ट करती है। आयुर्वेद और विज्ञान ने आंखों को शरीर का दर्पण माना है जिसमें कई बीमारियों का पता चल जाता है।
यहां पर आंखों में समस्या बनावट पर निर्भर करती है। यहां पर आंखों की बनावट कुछ ऐसी होती है कि यहां मौजूद रक्त नलिकाएं सीधी दिखाई देती हैं। वहीं पर शरीर में कहीं और इन रक्त नलिकाओं को बिना सर्जरी देख पाना संभव नहीं होता। जब शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो सबसे पहले असर इन नाजुक और पतली रक्त वाहिनियों पर पड़ता है। यह बदलाव इतना महीन होता है कि शुरुआती चरण में इसका पता केवल आंखों की जांच से ही चल सकता है। कई बार शरीर में ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है तो, आंखों की नसों पर इतना दबाव बनता है कि वहां खून और तरल पदार्थ का रिसाव होने लगता है।
इससे आंखों के अंदर सूजन आ जाती है। कभी-कभी रेटिना की मुख्य धमनी या नसें पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे मरीज को अचानक दिखना बंद हो सकता है। यह स्थिति एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और इसमें फौरन इलाज जरूरी होता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, अगर लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है तो यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाती है और इसे चिकित्सकीय भाषा में ‘हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी’ के रूप में जाना जाता है। इस समस्या में शुरुआत में आंखों की रक्त नलिकाएं मोटी और सख्त होने लगती हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे दृष्टि पर असर डाल सकता है। यदि समय रहते इलाज न किया जाए, तो रोशनी धुंधली पड़ने लगती है और कुछ मामलों में अचानक दिखाई देना भी बंद हो सकता है।
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इसे लेकर आयुर्वेद में कहा जाता है कि, आंखें वात, पित्त और कफ तीनों दोषों का संतुलन दर्शाती हैं। जिसमें जब इनमें असंतुलन होता है, तो आंखें उसका पहला संकेत देती हैं। हाई ब्लड प्रेशर वात दोष के असंतुलन से जुड़ा माना गया है, जिसमें रक्त प्रवाह असामान्य रूप से तेज या रुकावट भरा हो सकता है। ऐसे में आंखों में जलन, भारीपन और धुंधलापन ये सभी संकेत रोग की गहराई को दर्शाते हैं।